अयोध्या : राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक रविवार को सर्किट हाउस में संपन्न हो गई। इसमें मंदिर की प्रगति के साथ मंदिर के 70 एकड़ परिसर की अत्याधुनिक सुरक्षा प्लान पर चर्चा की गई। दिसंबर 2023 में गर्भ गृह में रामलला को स्थापित कर श्रद्धालुओं को दर्शन कराने का लक्ष्य है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि सुरक्षा को लेकर जो प्लान तैयार हो रहा है उसमें मैन पावर का उपयोग कम होगा। पूरी सुरक्षा व्यवस्था फूल प्रूफ और हाईटेक तकनीक से होगी। उन्होंने बताया कि राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद करीब दो लाख श्रद्धालुओं के रोजाना अयोध्या पहुंचने का अनुमान है। उसी के मुताबिक सुरक्षा प्लान तैयार किया जा रहा है।
डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक बैठक में तय किया गया कि मुख्य मंदिर के पत्थरों के काम में और तेजी लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि मंदिर के प्लिंथ का निर्माण, कार्य अवधि के अनुरूप चल रहा हैं। चबूतरे के निर्माण में ग्रेनाइट स्टोन लग रहा है। राजस्थान स्थित बंसी पहाड़पुर के 17,000 ग्रेनाइट स्टोन अयोध्या पहुंच चुके हैं। ये मंदिर के चबूतरे में लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि चबूतरे की पहली लेयर का काम चल रहा है।
बताया गया कि इस समय प्रतिदिन 20-25 पत्थर लगाए जा रहें है। आने वाले समय में 80-100 पत्थर रोज कैसे लगाए जाएं, इस पर मंथन हुआ। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2023 में गर्भ गृह में रामलला को स्थापित कर श्रद्धालुओं को दर्शन कराने का लक्ष्य है। बैठक में ट्रस्ट के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र, सुरक्षा सलाहकार केके शर्मा, एसीएस होम अवनीश अवस्थी, ट्रस्ट के सदस्य और एलएनटी टाटा कंसल्टेंसी के विशेषज्ञ मौजूद थे।
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