मथुरा के वृंदावन में वसंत पंचमी पर जन-जन के आराध्य ठाकुर श्रीबांकेबिहारी कमर में फेंटा बांधकर भक्तों के संग होली खेलेंगे। बांकेबिहारी मंदिर में शृंगार आरती दर्शनों के बाद भक्तों पर गुलाल लुटाया जाएगा। मंदिर में अबीर-गुलाल के बादल छाएंगे और देशभर से आने वाले भक्त अपने आराध्य के प्रसाद रूपी गुलाल में सराबोर होकर धन्य होंगे। इसी के साथ वसंत पंचमी से ब्रज की होली का भी शुभारंभ हो जाएगा। पांच फरवरी को वसंत पंचमी के पर्व पर शृंगार आरती के बाद बांकेबिहारी मंदिर में ठाकुरजी वसंती पोशाक धारण कर प्रतीकात्मक रूप से भक्तों संग गुलाल की होली खेलेंगे। मंदिर के सेवायत गोस्वामियों द्वारा चांदी के थालों में लाल, हरा, वसंती, गुलाबी और पीले रंग का गुलाल भक्तों पर डाला जाएगा। मंदिर के सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी ने बताया कि वसंत पंचमी से ही श्रीबांकेबिहारी महाराज को कपोलों (गालों) पर गुलाल लगाकर और कमर में गुलाल का फेंटा बांधकर तैयार कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि वसंत पंचमी से ही मंदिर में होली के गायन के साथ ही ब्रज में 40 दिन का होली उत्सव भी प्रारंभ हो जाता है।
ठाकुरजी के सेवायत एवं श्रीहरिदासबिहारी फाउंडेशन के संस्थापक आचार्य प्रहलाद वल्लभ गोस्वामी ने बताया कि वसंत पंचमी के दिन सर्वप्रथम श्रीबांकेबिहारीजी महाराज को गुलाल अर्पित करने के साथ ही होलिकोत्सव के औपचारिक शुभारंभ की परंपरा हरित्रयी के सुनाम से विख्यात स्वामी हरिदासजी, हित हरिवंशजी एवं हरि रामव्यासजी के समय से ही चली आ रही है।
भक्तिकाल के उस स्वर्णिम दौर में रसिक संतजनों के आग्रह पर संगीत सम्राट स्वामी हरिदासजी पद गायन के माध्यम से अक्सर महोत्सवों की शुरुआत करते थे। उस समय में संत व भक्तों ने समन्वय स्वरूप एक साथ मिलकर माघ शुक्ला पंचमी से चैत्र कृष्णा द्वितीया तक मदनोत्सव के नाम से एक उत्सव मनाना आरंभ किया, जिसे अब वसंतोत्सव अथवा होली आगमनोत्सव भी कहा जाता है। समूचे ब्रज मंडल में सवा माह तक चलने वाले इस रंगीले-रसीले महापर्व का प्रारंभिक पदगान हरिदासजी ने किया और बिहारीजी के कपोलों पर गुलाल लगाया था, प्रतीकरूप में वही परंपरा अब तक चली आ रही है।
वृंदावन में पांच फरवरी को वसंत पंचमी के अवसर पर उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्जन की व्यवस्था की है। इसके तहत चार से लेकर छह फरवरी तक वृंदावन में बाहरी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। कोतवाली प्रभारी अजय कौशल ने बताया कि बाहर से आने वाले वाहनों का 4 फरवरी की शाम से शहर में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाएगा।
छटीकरा की ओर से आने वाले वाहनों को रुक्मिणी विहार स्थित मल्टीलेवल पार्किंग में पार्क कराया जाएगा, जबकि मथुरा की ओर से आने वाले वाहन दारुक पार्किंग एवं सौ शैय्या अस्पताल के सामने पार्क कराए जाएंगे। वहीं, यमुना एक्सप्रेसवे की ओर से आने वाले वाहनों को टीएफसी, मंडी स्थल, इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन एवं दारुक पार्किंग में पार्क कराने की व्यवस्था की गई है। यह व्यवस्था 6 फरवरी की शाम तक जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि सभी नाकों, तिराहा-चौराहा, पार्किंग एवं बैरियर पर पुलिस फोर्स तैनात की जाएगी।
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