रेल बजट से यात्री नाखुश नजर आए। राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर उत्कल एक्सप्रेस में सवार यात्रियों का कहना था कि वंदे भारत ट्रेनों से ज्यादा पैसेंजर ट्रेनों और साधारण कोचों को बढ़ाने की जरूरत है। ट्रेनों के टॉयलेट साफ नहीं होते तो कभी पानी नहीं होता। वेटिंग रूम में सीट नहीं मिलती, इन सुविधाओं को बढ़ाते तो बेहतर होता। आम बजट पेश होने के दौरान टीम ने राजा की मंडी स्टेशन पर आकर रुकी उत्कल एक्सप्रेस के कोच में सफर कर रहे यात्रियों से राय जानी।
वंदे भारत का हवाई जहाज जैसा किराया
हवाई जहाज के किराये वाली वंदे भारत ट्रेनों में सफर कौन करेगा। इससे बेहतर तो लंबी दूरी की गाड़ियों को कोच बढ़ाएं, पैसेंजर ट्रेनें बढ़ाएं। – सुदीप कुमार, दिल्ली
टॉयलेट की सफाई नहीं
टॉयलेट की सफाई नहीं होती, पानी पिछले स्टेशन पर भरा गया है। मेंटेनेंस पर तो ध्यान दें, तभी तो यात्री ट्रेन में बैठेंगे। – राजेश्वर सिंह, दिल्ली
महंगा खानपान, गुणवत्ता नहीं
खानपान बहुत महंगा है। ट्रेनों में खाने की गुणवत्ता है नहीं, बजट में यात्री सुविधाओं पर जोर नहीं दिया गया। – रविंद्रन, ओडिशा
किराया आसमान छू रहा
एसी कोच में जाड़े में ब्लोअर काम नहीं करता तो सर्दी में एसी, किराया आसमान छू रहा है। क्लोन ट्रेन चलाते हैं तो तीन गुना कर देते हैं किराया। त्योहारी सीजन में सीट नहीं मिलती। बुजुर्ग यात्रियों को भी कोरोना काल में बंद की गई राहत का बजट में जिक्र नहीं है। – संतोष कुमार, बेंगलुरु
छात्रों को किराये में रियायत देते
प्रतियोगी परीक्षा के लिए जाने वाले छात्रों को किराये में रियायत देने की घोषणा की जाती तो ज्यादा अच्छा होता। इसके लिए स्पेशल ट्रेनें चलवाते तो बात होती। – तुषार सरकार व गुलशन, छात्र, ओडिशा
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