लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले आई बजट ने लोगों की उम्मीदों को पूरा नहीं किया है। छूट का लोग स्वागत कर रहे हैं, लेकिन उम्मीद कहीं इससे ज्यादा थी। भले ही, केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट से अगले 25 सालों की बुनियाद रखी जाएगी। बजट में 16 लाख नौकरी देने का वादा किया गया है। रत्न और जेवर पर कस्टम ड्यूटी घटनाई गई है। कॉरपोरेट टैक्स में कमी की गई है। युवाओं के लिए डिजिटल टेक्निकल शिक्षा की बात कही गई है। वहीं, आवास और पेयजल योजना का दायरा बढ़ाने का भी लक्ष्य है। इसके बाद भी लोगों की प्रक्रिया मिलीजुली ही आ रही है।
यूपी में विधानसभा चुनाव है, इसलिए प्रदेश की जनता इस बजट को किस रूप में देखती है यह देखना महत्वपूर्ण हो जाएगा। प्रदेश के लोगों की प्रतिक्रिया बजट को लेकर मिली जुली है। कुछ लोग बजट को आम लोगों से दूर मानते हैं। वहीं, बड़ी संख्या में लोगों की प्रतिक्रिया बजट में आयकर का दायर न बढ़ाए जाने को लेकर निराशाजनक रही है। आम लोगों, छोटे कारोबारियों और नौकरीपेशा लोगों को उम्मीद थी कि इस बार बजट में उन्हें कुछ राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है।
आयकर स्लैब में होना चाहिए था बदलाव
बनारस के सजल तिवारी कहते हैं कि बजट स्लैब में बदलाव होना चाहिए। यह नहीं होने से मिडिल क्लास पर बोझ बढ़ा है। हमलोगों ने अनुमान लगाया था, यह बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि मोबाइल सस्ता किया जाना जरूरी था। बच्चों की ऑनलाइन क्लास चल रही है। स्थानीय दुकानदार ने कहा कि कई चीजों पर छूट नहीं आया है। मोबाइल सस्ता होने या 5जी आने से लोगों को अधिक नहीं होगी। अरुण कुमार यादव ने कहा कि बजट से जो उम्मीद थी, वह पूरी नहीं हो पाई है।
आस अधूरी फिर भी राहत भरा बजट
गोरखपुर के व्यापारियों ने बताया कि हम लोगों की सालाना इनकम की आस इस बार भी अधूरी रह गई। वहीं बजट में इनकम टैक्स फाइल करने में दो साल की छूट मिली है ये राहत भरी खबर है। पहले हम लोगों पेनाल्टी भरना पड़ता था। लोगों ने डिजिटल करेंसी की पहल को भी अच्छा कदम बताया। वहीं, लोगों का ये भी कहना था कि इस बजट से भारत की इकोनॉमी पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
बजट में महंगाई से निपटने की बात नहीं
वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने लखनऊ में कहा कि आम लोगों को बजट से किस प्रकार राहत मिली है, यह समझ में नहीं आया। व्यापारी या आम जनता के लाभ की बात समझ में नहीं आई, जिससे महंगाई कम हो सके। आयकर रिटर्न भरने में सहूलियत दिया गया है। तमाम योजनाओं की बात की जा रही है, लेकिन यह लाभ को लेकर किया जा रहा है। आम जनता को महंगाई से निपटने में कामयाबी नहीं मिलेगी। व्यापारियों और आम जनता ने सरकार का साथ दिया, लेकिन सरकार की तरफ से आम जनता के हित के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।
लखनऊ की ही सीएस सुदेशना बासु ने कहा कि विकास की दर से स्थिति बदलती दिख रही है। व्यापारियों को पैकेज दिया जाता तो बेहतर स्थिति बनती। हालांकि, टैक्स देने में मिडिल क्लास को परेशानी नहीं है। आज के समय में विकास का कार्य काफी चल रहा है। ऐसे में सरकार अगर काम कर रही है तो टैक्स देने में हमें भी कोई दिक्कत नहीं है।
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