आगरा में उत्तरी बाईपास को एनएच-2 व यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए 24 कंपनियां आई हैं। करीब 483 करोड़ रुपये की लागत से 17.7 किमी छह लेन का उत्तरी बाईपास बनेगा, जिसे यमुना एक्सप्रेसवे से लिंक किया जाएगा। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ने अक्तूबर 2021 में बाईपास को एक्सप्रेसवे से लिंक करने के लिए टेंडर आमंत्रित किए थे।
उत्तर व दक्षिणी बाईपास के आगरा-दिल्ली हाईवे और यमुना एक्सप्रेसवे से लिंक होने से 102 किमी की रिंग रोड पूरी हो जाएगी। यह काम दो चरणों में होगा। पहले चरण में उत्तरी बाईपास को एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। दूसरे चरण में दक्षिण बाईपास को फतेहाबाद रोड पर 18 किमी सड़क बनाकर जोड़ा जाएगा। इनर रिंग रोड का निर्माण पूरा होने से ग्वालियर व दिल्ली की तरफ से आने व जाने वाले वाहनों को शहर के बाहर से ही गुजारा जा सकेगा। उन वाहनों को शहर के अंदर होकर गुजरने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इन कंपनियों ने भरे टेंडर
उत्तरी बाईपास को लिंक करने के लिए पीएनसी, एचजी इन्फ्रा सहित 24 फर्मों ने टेंडर भरे हैं। एक महीने तक फर्मों के दस्तावेजों की तकनीकी जांच होगी। जिसके बाद सबसे कम वित्तीय बोली लगाने वाले फर्म को काम मिलेगा। एनएचएआई ने इस कार्य के लिए 483 करोड़ रुपये की लागत तय की है। 2015 से आगरा में इनर रिंग रोड परियोजना प्रस्तावित है। इसे दो हिस्सों में तैयार किया गया है।
रायपुर जाट से दक्षिणी बाईपास शुरू होकर महुअर से मलपुरा होते हुए ग्वालियर रोड तक जाता है। यहां से करीब 18 किमी सड़क बनाकर इसे फतेहाबाद रोड से जोड़ा जाएगा। इससे पहले उत्तरी बाईपास को यमुना नदी के ऊपर से गुजारते हुए दिल्ली-आगरा हाइवे और यमुना एक्सप्रेस से जोड़ा जाएगा। इसके लिए यमुना नदी पर नया पुल भी प्रस्तावित है।
दो साल में पूरा होगा काम
जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह ने बताया कि दो साल में बाईपास को एक्सप्रेसवे से लिंक करने का काम पूरा हो जाएगा। टेंडर में शामिल कंपनियों के दस्तावेजों की जांच शुरू हो गई है। चुनाव बाद काम शुरू हो जाएगा।
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