सुमित शर्मा, कानपुर: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) में सभी राजनीतिक पार्टियां दूसरे दल से आए नेताओं को प्रत्याशी बनाने में जुटी हैं। दल बदलुओं को टिकट देने से पार्टी के कार्यकर्ता ही संगठन के खिलाफ खड़े हो गए हैं। बीते गुरुवार को प्रियंका गांधी के करीबी पूर्व सांसद राकेश सचान (Rakesh Sachan) ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था। बीजेपी ने शुक्रवार को राकेश सचान को कानपुर देहात (Kanpur Dehat) की भोगनीपुर सीट से प्रत्याशी बनाया है। राकेश सचान का टिकट फाइनल होते ही बीजेपी कार्यकर्ता विरोध में उतर आए हैं। बीजेपी कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया।
बीजेपी ने शुक्रवार को प्रत्याशियों के नामों की लिस्ट जारी की, जिसमें कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट (Bhognipur assembly seat) से पूर्व सांसद राकेश सचान का भी नाम शामिल था। बीजेपी की लिस्ट में राकेश सचान का नाम होने पर बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता कार्यालय पहुंच गए। प्रदेश सहप्रभारी सुधीर गुप्ता के सामने हंगामा करने लगे। वर्तमान विधायक विनोद कटियार के समर्थकों ने कहा कि बाहरी व्यक्ति को टिकट दिया गया है। हम और हमारी टीम राकेश सचान को चुनाव नहीं लड़वाएगी। आलाकमान इस पर विचार करे, वर्ना हम सभी अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
विनोद कटियार ने शानदार जीत दर्ज की थी
विधानसभा चुनाव 2017 में भोगनीपुर विधानसभा सीट से विनोद कटियार ने शानदार जीत दर्ज की थी। मोदी लहर में पहल बार भोगनीपुर सीट पर कमल खिला था। बीजेपी के विनोद कटियार ने एसपी के धर्मपाल सिंह भदौरिया को 19,005 वोटों से हराया था। बीजेपी के विनोद कटियार को 71,466 वोट मिले थे। वहीं, एसपी के धर्मपाल सिंह ने 52,461 वोट हासिल किए थे। सूत्रों के मुताबिक, राकेश सचान ने बीजेपी के सामने शर्त रखी थी कि यदि भोगनीपुर सीट से टिकट मिलेगा, तभी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इसलिए बीजेपी ने वर्तमान विधायक विनोद कटियार का टिकट काटकर राकेश सचान को प्रत्याशी बनाया है।
बाहरी व्यक्ति को नहीं लड़वाएंगे चुनाव
मंडल अध्यक्ष प्रमोद त्रिपाठी का कहना है कि बाहरी व्यक्ति को टिकट दिया जा रहा है। भोगनीपुर सीट पर बाहरी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता है। हमारे विधायक विनोद कटियार हैं, हम लोग सिर्फ उन्हीं को चुनाव लड़वाएंगे। बाहरी प्रत्याशी हम लोग किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमें अश्वासन दिया गया है कि संगठन इस पर विचार करेगा।
राकेश सचान का राजनीतिक सफर
राकेश सचान 1993 और 2002 में घाटमपुर विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। शिवपाल सिंह यादव के कहने पर मुलायम सिंह ने राकेश सचान को 2009 में फतेहपुर लोकसभा सीट से कैंडिडेट बनाया गया था। राकेश सचान ने बसपा के महेंद्र प्रसाद निषाद को लगभग एक लाख वोटों से हराया था। इस जीत के बाद राकेश सचान मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह बेहद करीबी बन गए थे। राकेश सचान के पास कुर्मी बाहुल वोटरों का जनाधार है।
इसलिए छोड़ी थी एसपी
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सपा-बसपा के बीच गठबंधन हुआ था। जिसमे फतेहपुर लोकसभा सीट बसपा के खाते में चली गई थी। जिसकी वजह से पूर्व सांसद राकेश सचान नाराज थे। पूर्व सांसद ने एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी बात की थी। लेकिन उन्हे किसी प्रकार का ठोस अश्वासन नहीं मिला था। जिसकी वहज से उन्होने एसपी छोड़ दी थी।
लोकसभा चुनाव 2019 में राकेश सचान ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कांग्रेस की टिकट पर फतेहपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे, जिसमें बीजेपी की साध्वी निरंजन ज्योति के सामने हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस ने राकेश सचान को यूपी कांग्रेस कमेटी का महासचिव बनाया था। विधानसभा चुनाव 2022 में राकेश सचान ने कांग्रेस छोड़कर अब बीजेपी का दामन थामा है।
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