लखनऊ/नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (uttar pradesh vidhan sabha election) 2022 के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुधवार को राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी (jayant chaudhary) को साथ आने का न्योता दिया। हालांकि जयंत चौधरी ने लगे हाथ इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। साथ ही केंद्र और राज्य की सत्ताधरी पार्टी को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर से अधिक समय तक चले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों (Farmer) की याद दिलाई। दरअसल तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के बाद भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थितियों को बीजेपी के अनुकूल बनाने के प्रयासों के तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) ने बुधवार को इलाके के जाट नेताओं से बात की।
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में रालोद के समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन का उल्लेख करते हुए अमित शाह ने कहा कि जयंत चौधरी गलत घर में चले गए हैं। यह बैठक दिल्ली से बीजेपी के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के आवास पर हुई। इस बैठक को सामाजिक भाईचारा बैठक का नाम दिया गया था। वर्मा ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को बीजेपी गठबंधन में आने का प्रस्ताव दिया और कहा कि बीजेपी के दरवाजे उनके लिए खुले हैं।
बीजेपी की सरकार बनना तय
प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि यह बात तय है कि चुनाव बाद बीजेपी की सरकार बनेगी। जयंत चौधरी ने एक अलग रास्ता चुना है। जाट समाज के लोग उनसे बात करेंगे, उन्हें समझाएंगे। चुनाव के बाद संभवनाएं हमेशा खुली रहती हैं। हमारा दरवाजा उनके लिए खुला है। उन्होंने कहा कि हम तो चाहते थे कि हमारे घर में आएं पर उन्होंने कोई दूसरा घर चुना है। बैठक में जाट समुदाय के करीब 250 से अधिक प्रबुद्ध वर्ग के लोग और अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभुत्व रखने वाले नेताओं के अलावा बीजेपी उत्तर प्रदेश के प्रभारी व केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान और सांसद सत्यपाल सिंह भी शामिल हुए।
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जयंत चौधरी ने किया पलटवार
बीजेपी के इस खुले प्रस्ताव पर जयंत चौधरी ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए पलटवार किया। उन्होंने ट्वीट में कहा कि न्योता मुझे नहीं, उन 700 से ज्यादा किसान परिवारों को दो जिनके घर आपने उजाड़ दिए।
अमित शाह ने बताए केंद्र और राज्य के कार्य
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमित शाह ने जाट नेताओं को संबोधित करते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कानून व व्यवस्था में सुधार से लेकर किसानों की समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने केंद्र व राज्य की बीजेपी सरकारों की ओर से लिए गए निर्णयों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि तीन-तीन जाट नेताओं को राज्यपाल बनाया और सबसे अधिक विधायक और सांसद दिए। अलीगढ़ में एक विश्वविद्यालय का नाम प्रमुख जाट नेता राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर रखा।बैठक के बाद निकले कई जाट नेताओं ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि उनकी ओर से जाट आरक्षण, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने सहित किसानों के अन्य मुद्दे उठाए गए। अमित शाह ने इन मुद्दों को पूरा करने का उन्हें आश्वासन दिया। इस दौरान एक नेता ने अमित शाह को चौधरी अमित शाह कहकर संबोधित किया।
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पहले और दूसरे चरण में पश्चिमी यूपी में मतदान
उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होना है। पहले चरण में 10 फरवरी को 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होगा। इसमें शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, बुलंदशहर जिले प्रमुख हैं। दूसरे चरण में 14 फरवरी को नौ जिलों की 55 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इसमें सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत प्रमुख जिले हैं।
पहले दोनों चरणों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में मतदान होगा। पिछले चुनावों में बीजेपी ने इस इलाके में अच्छा प्रदर्शन किया था। लेकिन इस बार किसान आंदोलन की वजह से क्षेत्र के किसानों और जाट समुदाय में बीजेपी के खिलाफ नाराजगी देखने को मिली है। किसानों, जाटों और दलितों के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की आबादी भी है। वहीं हर चुनाव में बीजेपी पर इस इलाके में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश के आरोप लगते रहे हैं।
मथुरा और गोतमबुद्धनगर में घर-घर प्रचार करेंगे शाह
इस बार भाजपा की ओर से ‘पलायन’ और ‘‘80 बनाम 20’’ जैसे मुद्दों को उठाकर ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है। अमित शाह ने पिछले दिनों कैराना का दौरा कर इन मुद्दों को धार देने की भी कोशिश की। अमित शाह बृहस्पतिवार को मथुरा और गौतमबुद्धनगर नगर में घर-घर प्रचार अभियान करेंगे। वह मथुरा में बांके बिहारी मंदिर में पूजा अर्चना भी करेंगे। इसी दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बागपत और गाजियाबाद में पार्टी के प्रचार अभियान की कमान थामेंगे। शाह 29 जनवरी को सहारनपुर और उसके बाद अन्य जिलों का भी दौरा करेंगे।
अमित शाह
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