अमेठी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में टिकटों के बंटवारे के बाद विवाद आम हो गया है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की ओर से जारी की गई उम्मीदवारों की लिस्ट में एक नाम ने सबको चौंकाया है। वह है अमेठी विधानसभा सीट से महाराजी प्रजापति (Maharaji Prajapati) का नाम। वे समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति (Gayatri Prajapati) की पत्नी हैं। अब सवाल उठ रहा है कि इस प्रकार के मामलों में विपक्षी दलों के नेताओं के परिजनों को टिकट या पद देने पर घेरने वाले अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) इस फैसले का कैसे बचाव करते हैं।
गायत्री प्रजापति इस समय जेल में बंद हैं। अमेठी में वे समाजवादी पार्टी का चेहरा होते थे। लेकिन, रेप के आरोप में उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। 12 नवंबर 2021 को फैसला आने के बाद गायत्री प्रजापति कोर्ट रूम में ही रोने लगे थे। वहीं, उनकी पत्नी महाराजी ने पिछले दिनों लगातार पति को इंसाफ दिलाने के लिए क्षेत्र में अभियान चलाया है। अमेठी में वे और उनका बेटा अनुराग प्रजापति लोगों के बीच पहुंचकर पति को इंसाफ दिलाने के लिए समाजवादी पार्टी का समर्थन मांग रहे हैं। ऐसे में समाजवादी पार्टी ने भी इस क्षेत्र के धाकड़ नेता के परिवार को टिकट देकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश की है।
विपक्ष बना सकता है मुद्दा
गायत्री प्रजापति की पत्नी को टिकट दिए जाने का मुद्दा गरमा रहा है। दरअसल, पिछले दिनों इस प्रकार के मामलों को लेकर अखिलेश विरोधी दलों पर हमलावर रहे हैं। भाजपा नेताओं के मामलों में फंसने की स्थिति में परिवार को किसी प्रकार के पद पर बने रहने को लेकर भी मुद्दा बनाया है। ऐसे में सवाल उनसे हो रहा है। एक ही प्रकार के मामलों में उन पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लग रहा है। हालांकि, अखिलेश जानते हैं कि गायत्री प्रजापति के परिवार से किनारा करने से उन्हें अमेठी में झटका लग सकता है।
2017 में भी हुआ था कड़ा मुकाबला
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में गायत्री प्रजापति समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे थे। मोदी लहर के बाद भी उन्होंने कड़ी टक्कर दी थी। भाजपा की गरिमा सिंह को इस चुनाव में 64,226 वोट आए थे। वहीं, गायत्री प्रसाद प्रजापति 59,161 हजार वोट पाने में सफल हुए थे। बसपा के राम जी ने 30,175 और कांग्रेस की अमिता सिंह ने 20,291 वोट हासिल कर गायत्री प्रजापति का खेल खराब किया था। इस बार भी विधानसभा सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है। लेकिन, गायत्री प्रजापति की पत्नी को टिकट देकर सपा ने बड़ा दांव खेल दिया है।
प्रजापति परिवार लगातार कर रहा प्रचार
समाजवादी पार्टी के पक्ष में पिछले छह माह से लगातार गायत्री प्रजापति का परिवार प्रचार कर रहा है। गायत्री प्रजापति के बेटे ने अमेठी में जगह-जगह समाजवादी पार्टी के कार्यालय खोले हैं। इसके अलावा क्षेत्र में पिता की राजनीतिक जमीन को बचाने की लड़ाई वे लड़ते दिख रहे हैं। पिछले दिनों एक पोस्टर खूब चर्चा में आा था, जिसमें गायत्री प्रजापति को अमेठी का बेटा बताया था। पोस्टर में लिखा था कि आपका बहुमूल्य वोट अमेठी के बेटे को न्याय दिलाएगा। इसमें एक तरफ अखिलेश यादव तो दूसरी तरफ महाराजी प्रजापति की तस्वीर लगी थी। बीच में गायत्री प्रजापति भी थे।
तमाम मामलों के बाद भी अखिलेश ने टिकट देकर स्थिति को मजबूत बनाने का प्रयास किया है। साथ ही, वे गायत्री प्रजापति के समर्थकों को यह संदेश देने में भी सफल हुए हैं कि भले ही उन पर कोई आरोप हो, पार्टी उनके परिवार के साथ खड़ी है। इसका असर चुनावी मैदान में भी देखने को मिलेगा।
गायत्री प्रजापति की पत्नी को टिकट देकर अखिलेश यादव ने खेला है बड़ा दांव
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