अपनों से बिछड़ी महिला दस साल बाद परिजनों को मिल गई। महिला को देखकर परिजनों की आंखों से आंसू छलक पड़े। परिजन महिला से मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे, लेकिन सोशल मीडिया की मदद से महिला उन्हें मिल गई।
पड़ोसी देश नेपाल के जिला विंद्राय सैनी के थाना डौसुर चामुंड क्षेत्र के गांव दैलेख निवासी पुनरकला (50) पत्नी पुराकाय पति की मौत के बाद मानसिक रूप से संतुलन खो बैठी थीं। करीब दस वर्ष पूर्व महिला घर से लापता हो गई। खोजबीन के बाद परिजनों ने स्थानीय थाने में महिला की गुमशुदगी दर्ज कराई। दस सालों में भटकते-भटकते महिला किशनी कस्बे तक पहुंच गई। दो दिन पहले महिला को बेवर क्षेत्र में देखा गया था। इसकी जानकारी स्थानीय व्यक्ति की ओर से नेपाल में रह रहे महिला के परिजनों को दी गई। सोमवार को परिजन बेवर पहुंचे तो उन्हें महिला मिल गई। मां को देखकर बेटा महेश और बेटी सुस्मिता की आंखों से आंसू छलक उठे।
इस तरह हुआ मिलन
करीब दो महीने पहले स्थानीय बस स्टैंड पर घूम रही महिला पर नेपाल निवासी चौकीदार वासुदेव की नजर पड़ी थी। उन्होंने महिला से बातचीत की तो उसने अपने बारे में आधी अधूरी जानकारी दी। वासुदेव ने सोशल मीडिया की मदद से क्षेत्रीय ग्रुप में महिला की फोटो और उपलब्ध जानकारी शेयर कर दी। इस बीच महिला किशनी से कहीं चली गई। वहीं सोशल मीडिया से प्राप्त सूचना के आधार पर परिजन किशनी पहुंचे। खोजबीन के बाद भी महिला के न मिलने पर परिजनों ने किशनी सहित आसपास महिला के पोस्टर आदि लगवाए थे। दो दिन पहले महिला बेवर क्षेत्र में दिखाई दी, यहां रह रहे नेपाली व्यक्ति ने पूर्व में लगे पोस्टर पर दर्ज नंबर पर महिला के होने की जानकारी दी। परिजनों के कहने पर किशनी में रह रहा चौकीदार महिला को अपने साथ घर ले गया। सोमवार को महिला के परिजन नेपाल से किशनी पहुंचे। देर शाम परिजन महिला को लेकर नेपाल के लिए रवाना हो गए थे।
अपनों से बिछड़ी महिला दस साल बाद परिजनों को मिल गई। महिला को देखकर परिजनों की आंखों से आंसू छलक पड़े। परिजन महिला से मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे, लेकिन सोशल मीडिया की मदद से महिला उन्हें मिल गई।
पड़ोसी देश नेपाल के जिला विंद्राय सैनी के थाना डौसुर चामुंड क्षेत्र के गांव दैलेख निवासी पुनरकला (50) पत्नी पुराकाय पति की मौत के बाद मानसिक रूप से संतुलन खो बैठी थीं। करीब दस वर्ष पूर्व महिला घर से लापता हो गई। खोजबीन के बाद परिजनों ने स्थानीय थाने में महिला की गुमशुदगी दर्ज कराई। दस सालों में भटकते-भटकते महिला किशनी कस्बे तक पहुंच गई। दो दिन पहले महिला को बेवर क्षेत्र में देखा गया था। इसकी जानकारी स्थानीय व्यक्ति की ओर से नेपाल में रह रहे महिला के परिजनों को दी गई। सोमवार को परिजन बेवर पहुंचे तो उन्हें महिला मिल गई। मां को देखकर बेटा महेश और बेटी सुस्मिता की आंखों से आंसू छलक उठे।
करीब दो महीने पहले स्थानीय बस स्टैंड पर घूम रही महिला पर नेपाल निवासी चौकीदार वासुदेव की नजर पड़ी थी। उन्होंने महिला से बातचीत की तो उसने अपने बारे में आधी अधूरी जानकारी दी। वासुदेव ने सोशल मीडिया की मदद से क्षेत्रीय ग्रुप में महिला की फोटो और उपलब्ध जानकारी शेयर कर दी। इस बीच महिला किशनी से कहीं चली गई। वहीं सोशल मीडिया से प्राप्त सूचना के आधार पर परिजन किशनी पहुंचे। खोजबीन के बाद भी महिला के न मिलने पर परिजनों ने किशनी सहित आसपास महिला के पोस्टर आदि लगवाए थे। दो दिन पहले महिला बेवर क्षेत्र में दिखाई दी, यहां रह रहे नेपाली व्यक्ति ने पूर्व में लगे पोस्टर पर दर्ज नंबर पर महिला के होने की जानकारी दी। परिजनों के कहने पर किशनी में रह रहा चौकीदार महिला को अपने साथ घर ले गया। सोमवार को महिला के परिजन नेपाल से किशनी पहुंचे। देर शाम परिजन महिला को लेकर नेपाल के लिए रवाना हो गए थे।
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