सुधांशु मिश्र, हरदोई: यूपी के हरदोई जिले की सण्डीला विधानसभा सीट (Sandila assembly seat) पर सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील अर्कवंशी (Sunil Arkvanshi) को पार्टी प्रत्याशी घोषित कर सबको हैरत में डाल दिया। सपा से गठबंधन होने के बावजूद एकाएक प्रत्याशी घोषित करना सबको चौंका रहा है।
रविवार दोपहर सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर अचानक सण्डीला पहुंचे और प्रदेश अध्यक्ष सुनील अर्कवंशी को प्रत्याशी घोषित कर दिया। इस सीट से बीजेपी भी अपना प्रत्याशी अलका अर्कवंशी को घोषित कर चुकी है। इस क्षेत्र में ओमप्रकाश राजभर करीब दो वर्षों से सक्रिय रहे हैं। इस सीट पर अर्कवंशी समाज की संख्या करीब 60 हजार है और इसको देखते हुए उन्होंने पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष हरदोई निवासी सुनील अर्कवंशी को बनाया था। राजभर यह पूर्व में भी कह चुके थे कि वह इस सीट को गठबंधन के तहत लेकर सुनील को ही प्रत्याशी बनाएंगे। टिकट के आश्वासन के बाद सुनील भी लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे। पिछले दिनों सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) व ओमप्रकाश राजभर की रैली में रेकॉर्ड भीड़ जुटी थी।
अचानक सण्डीला पहुंचना कुछ तो इशारा कर रहा
राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि सुभासपा प्रमुख का अचानक सण्डीला पहुंचकर प्रत्याशी घोषित करना उनकी कोई शातिर चाल का ही हिस्सा है, वरना वह लखनऊ में ही इसकी घोषणा कर सकते थे। सूत्रों के अनुसार, शनिवार को बीजेपी के टिकट से वंचित रहीं पूर्व विधायक स्व. महावीर सिंह की पत्नी रीता सिंह सपा में शामिल हो गई थीं। सपा मुखिया ने शनिवार शाम जब प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, तब अन्य नेताओं के साथ रीता सिंह भी उनके पास बैठीं थीं, तब एक प्रश्न के जवाब में अखिलेश यादव ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि जो उनके पास में बैठीं हैं वह भी चुनाव लड़ेंगी। चूंकि, ओमप्रकाश राजभर राजनीति के चतुर खिलाड़ी हैं, इसलिए उन्होंने सपा की आधिकारिक घोषणा से पहले ही सण्डीला पहुंचकर अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।
शातिर चाल चलने में माहिर हैं राजभर
इस सीट को सपा 2012 में जीत चुकी है, तब रीता सिंह के पति स्व. महावीर सिंह ने जीत दर्ज कर सपा का पहली बार खाता खोला था। रीता सिंह टिकट आस में सपा छोड़ बीजेपी में शामिल हुई थीं, लेकिन पार्टी ने उनकी जगह अलका अर्कवंशी को प्रत्याशी घोषित कर दिया। वहीं, ओमप्रकाश राजभर यह जानते थे कि यदि सपा ने रीता सिंह को प्रत्याशी घोषित कर दिया तो उनका इस सीट से दावा फिसल जाएगा, इसलिए उन्होंने सण्डीला पहुंचकर अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। राजभर यह भी जानते हैं कि एक सीट के लिए अखिलेश गठबंधन को दांव पर नहीं लगाएंगे, इसलिए उन्होंने यह शातिर चाल चली।
More Stories
Lucknow की ‘लेडी डॉन’ ने आईएएस की पत्नी बनकर महिलाओं से ठगी की, 1.5 करोड़ रुपये हड़पे
Rishikesh में “अमृत कल्प” आयुर्वेद महोत्सव में 1500 चिकित्सकों ने मिलकर बनाया विश्व कीर्तिमान, जानें इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में
Jhansi पुलिस और एसओजी की जबरदस्त कार्रवाई: अपहृत नर्सिंग छात्रा नोएडा से सकुशल बरामद