लखनऊ: यूपी चुनाव (UP Election) के मैदान में गरमी अब बढ़ने लगी है। पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। दूसरे चरण के चुनाव के लिए नामांकन शुरू हो चुका है। अभी तक बहुजन समाज पार्टी (BSP) का विधिवत चुनाव प्रचार अभियान शुरू नहीं हो पाया है। यानी, बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) अभी तक चुनावी मैदान में उतरी नहीं हैं। ऐसे में पार्टी को चुनावी मैदान में झटका लगता दिख रहा है। टाइम्स नाउ नवभारत के वोटर मीटर सर्वे परिणाम भी बहुजन समाज पार्टी के लिए किसी झटके से कम नहीं है।
टाइम्स नाउ नवभारत के वोटर मीटर सर्वे में प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत की सरकार बनते दिखाया जा रहा है। सर्वे के मुताबिक इस बार यूपी में बीजेपी को 216 से 233 सीटें मिल सकती हैं। लेकिन यह पिछले चुनाव में 300 पार के आंकड़े से काफी कम हैं। वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी को 148 से 159 सीट मिलने का अनुमान है।
बसपा से आगे निकलती कांग्रेस
टाइम्स नाउ नवभारत वोटर मीटर सर्वे में कांग्रेस को बहुजन समाज पार्टी से आगे निकलता दिखाया जा रहा है। सर्वे रिजल्ट के तहत बसपा प्रमुख मायावती को 8 से 14 सीट मिल सकती हैं। कांग्रेस को 9 से 15 सीट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। अन्य पार्टी के खाते में 1 से 3 सीटें जाती दिख रही हैं। बहुजन समाज पार्टी की सीटों के कम होने को प्रदेश में मायावती की घटती लोकप्रियता से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
चुनावी मैदान में एक्टिव नहीं होने का असर
बसपा प्रमुख मायावती वर्ष 2017 की विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद प्रदेश की राजनीति में उस प्रकार से एक्टिव नहीं रह गई हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने विचारधारा से अलग जाकर समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया। लेकिन, दलित वोटरों को वे समाजवादी पार्टी के पक्ष में मोड़ने में कामयाब नहीं हो पाईं। इसके बाद से उनकी राजनीतिक मैदान में सक्रियता काफी कम देखी गई है। विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर भी वे अधिक एक्टिव नहीं हैं। इसका असर चुनावी मैदान में दिख रहा है।
प्रियंका ने थाम रखी है कमान
कांग्रेस को यूपी की राजनीति में एक बार फिर स्थापित करने की कोशिश प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुरू कर दी है। मंडल आंदोलन के बाद से प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का बर्चस्व रहा। इसमें भगवा दल भी राम मंदिर के आंदोलन के जरिए सशक्त होती रही और कांग्रेस लगातार कमजोर हुई। इस बार प्रियंका गांधी ने ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ नारे के साथ पार्टी को सड़क पर उतारने में कामयाबी हासिल की है।
प्रियंका की सक्रियता का असर चुनावी सर्वे में दिख रहा है। हालांकि, पार्टी को अभी भी जमीनी स्तर पर मजबूत करने का प्रयास करना होगा। प्रियंका ने खुद को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर निचले स्तर के कार्यकर्ताओं को एक्टिवेट और मोटिवेट करने में सफल होंगी।
यूपी के चुनावी मैदान में मायावती से आगे निकलती दिख रही हैं प्रियंका गांधी
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