मथुरा जिले की विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के उलटफेर से चुनावी मुकाबला रोमांचक हो गया है। इनमें मांट विधानसभा से रालोद और सपा ने परिस्थिति बदल दी हैं तो मथुरा सीट पर बसपा ने उम्मीदवार बदलकर मुकाबला दिलचस्प कर दिया है। मथुरा से भाजपा नेता रहे एसके शर्मा बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। एसके शर्मा मांट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन टिकट न मिलने पर उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया और बसपा में शामिल हो गए।
भले ही अभी जनपद में विधानसभा चुनाव प्रारंभिक दौर में हों, लेकिन राजनीतिक दलों के प्रारंभिक फैसलों से उम्मीदवारों के समक्ष दुश्वारियां और राहें आसान नजर नहीं आ रही हैं। फिलहाल जनपद की दो वीआईपी सीट मथुरा और मांट राजनीतिक उलटफेर से सुर्खियों में है। इसमें मांट से अभी तक सपा और रालोद गठबंधन अपना उम्मीदवार तय नहीं कर सका है। गठबंधन होने के बावजूद दोनों दलों ने अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार दिए हैं।
नए सिरे से जमीन तैयार करनी होगी
अब चर्चा यह भी है कि सपा उम्मीदवार ही मैदान में रहेंगे, पिछले चुनाव में मामूली अंतर से हारने वाले योगेश नौहवार को रालोद मुखिया ने चुनाव मैदान से हटा दिया है। यही नहीं इसी क्षेत्र में 60 हजार मत प्राप्त करते हुए पिछले चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे भाजपा उम्मीदवार रहे एसके शर्मा भी इस बार मांट से चुनाव मैदान में नहीं हैं। ऐसे में गठबंधन और भाजपा के नए उम्मीदवारों को आठ बार के विधायक श्याम सुंदर शर्मा के खिलाफ अपनी जमीन तैयार करनी है।
‘मथुरा सीट भी रोचक होती जा रही’
राजनीतिक जानकार डॉ. प्रवीन पचौरी का मानना है कि मांट के इस उलटफेर में मथुरा विधानसभा क्षेत्र में भी राजनीतिक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। भाजपा से विमुख होने के बाद एसके शर्मा ने मथुरा में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने का एलान कर स्थिति को पेचीदा बना दिया है।
पचौरी ने कहा कि फिलहाल यह दोनों सीटें इन राजनीतिक उलटफेर के चलते आम लोगों की सुर्खियों में आ गई हैं। बसपा को कमजोर समझने की भूल इसलिए नहीं करनी चाहिए क्योंकि पिछले साल जिला पंचायत चुनाव में भाजपा के तमाम प्रयासों के बाद भी बसपा सबसे अधिक सीटें (13) जीतने वाली थी। दूसरे नंबर पर भाजपा-रालोद (11-11) रही थी।
मथुरा जिले की विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के उलटफेर से चुनावी मुकाबला रोमांचक हो गया है। इनमें मांट विधानसभा से रालोद और सपा ने परिस्थिति बदल दी हैं तो मथुरा सीट पर बसपा ने उम्मीदवार बदलकर मुकाबला दिलचस्प कर दिया है। मथुरा से भाजपा नेता रहे एसके शर्मा बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। एसके शर्मा मांट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन टिकट न मिलने पर उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया और बसपा में शामिल हो गए।
भले ही अभी जनपद में विधानसभा चुनाव प्रारंभिक दौर में हों, लेकिन राजनीतिक दलों के प्रारंभिक फैसलों से उम्मीदवारों के समक्ष दुश्वारियां और राहें आसान नजर नहीं आ रही हैं। फिलहाल जनपद की दो वीआईपी सीट मथुरा और मांट राजनीतिक उलटफेर से सुर्खियों में है। इसमें मांट से अभी तक सपा और रालोद गठबंधन अपना उम्मीदवार तय नहीं कर सका है। गठबंधन होने के बावजूद दोनों दलों ने अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार दिए हैं।
अब चर्चा यह भी है कि सपा उम्मीदवार ही मैदान में रहेंगे, पिछले चुनाव में मामूली अंतर से हारने वाले योगेश नौहवार को रालोद मुखिया ने चुनाव मैदान से हटा दिया है। यही नहीं इसी क्षेत्र में 60 हजार मत प्राप्त करते हुए पिछले चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे भाजपा उम्मीदवार रहे एसके शर्मा भी इस बार मांट से चुनाव मैदान में नहीं हैं। ऐसे में गठबंधन और भाजपा के नए उम्मीदवारों को आठ बार के विधायक श्याम सुंदर शर्मा के खिलाफ अपनी जमीन तैयार करनी है।
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