लखनऊ
कैंट सीट भाजपा का किला मानी जाती है। इस सीट से लगातार दो बार विधायक रहीं डॉ. रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे मयंक जोशी के लिए टिकट की पैरवी कर रही हैं। वहीं, मेयर संयुक्ता भाटिया ने अपनी बहू रेशू भाटिया के लिए खेमेबंदी शुरू कर दी है। वहीं, इस सीट पर किसी वीआईपी को पैराशूट प्रत्याशी बनाए जाने की भी अटकलें हैं। चर्चा है कि मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को बीजेपी यहां से टिकट दे सकती है। दरअसल, डिप्टी सीएम डॉ़. दिनेश शर्मा के चुनाव लड़ने का भी ऐलान हो गया है। कैंट सीट उनकी पसंदीदा सीटो में एक मानी जा रही है। इस बीच कैंट से निवर्तमान विधायक सुरेश तिवारी ने भी टिकट की दावेदारी करते हुए जनसंपर्क शुरू कर दिया है।
बेटे के टिकट के लिए संन्यास को तैयार डॉ. रीता बहुगुणा
डॉ. रीता बहुगुणा जोशी कैंट से अपने बेटे मयंक जोशी के लिए टिकट मांग रही हैं। परिवारवाद का आरोप न लगे, इसके लिए खुद सक्रिय राजनीति से संन्यास तक लेने को तैयार हैं। उन्होंने बकायदा आलाकमान को भी लिखा है। सूत्रों के मुताबिक, पत्र में उन्होंने मयंक जोशी के मल्टीनैशनल कंपनी की नौकरी छोड़कर साल 2019 में लखनऊ आने और बीजेपी संगठन के लिए किए गए कामों की पूरी सूची भी भेजी है। इस सीट पर डॉ. रीता का अच्छा प्रभाव माना जाता है। उन्होंने इस सीट पर कांग्रेस के टिकट पर साल 2012 में सुरेश तिवारी को करीब 22 हजार वोटों से हराया था। फिर साल 2017 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और सपा की प्रत्याशी अपर्णा यादव को 34 हजार वोटों से शिकस्त दी। साल 2019 में लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद से जीत दर्ज की तो यह सीट खाली हो गई। इसके बाद उपचुनाव में बीजेपी के सुरेश तिवारी ने यहां जीत हासिल की।
बहू के लिए खेमेबंदी कर रहीं मेयर संयुक्ता भाटिया
मेयर संयुक्ता भाटिया अपनी बहू रेशू भाटिया को कैंट से टिकट दिलाने के लिए खेमेबंदी कर रही हैं। जानकारों की मानें तो इसके लिए दिल्ली दरबार से संघ के बड़े पदाधिकारियों तक संपर्क तेज कर दिया है। इस विधानसभा क्षेत्र में सिंधी, पंजाबी और पाकिस्तान से विस्थापित होकर आए लोगों की बड़ी आबादी है। माना जाता है, इस आबादी में भाटिया परिवार की बड़ी पहुंच है। इसके अलावा संयुक्ता भाटिया के बेटे प्रशांत को संघ परिवार के कई बड़े पदाधिकारियों का करीबी माना जाता है।
मंत्री महेंद्र सिंह, अपर्णा यादव समेत कई नामों पर चर्चा
– कैंट सीट के दावेदारों में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव के नाम की भी चर्चा है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, अपर्णा को लेकर आलाकमान का रुख नर्म रहता है। ऐसे में वह बीजेपी जॉइन करती हैं तो कैंट से टिकट भी मिल सकता है।
– योगी सरकार में मंत्री रहे महेंद्र सिंह भी कैंट सीट के दावेदार माने जा रहे हैं।
– युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री अभिजात मिश्रा के लिए पिछले विधानसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं ने खून से लिखी चिट्ठियां पीएम को भेजी थीं। इस बार उनका नाम भी चर्चा में हैं। अभिजात मिश्रा बीजेपी की ब्राह्मणों समन्वय समिति के सदस्य भी हैं।
– लालकुआं वॉर्ड के पार्षद सुशील तिवारी पम्मी भी कैंट सीट से दावेदारी करते हुए दिल्ली दरबार के संपर्क में हैं।
– बीजेपी का एक धड़ा कैंट सीट से रक्षामंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह के बेटे नीरज सिंह को चुनाव लड़वाने की पैरवी करने में जुटा है।
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