पंकज मिश्रा, हमीरपुर
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर विधानसभा की सदर सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए बीजेपी रणनीति बनाने में जुट गई है। इसीलिए पार्टी जीताऊ और बेदाग छवि वाले पुराने प्रत्याशी पर दांव भी लगा सकती है। बीजेपी सदर सीट बचाने के लिए मौजूदा विधायक के नाम पर मुहर लगा सकती है।
हमीरपुर जिले की सदर सीट पिछले 2017 से बीजेपी के कब्जे में है। यहां के पूर्व सांसद अशोक सिंह चंदेल एसपी छोड़कर वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी में आए थे। पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद अशोक सिंह चंदेल को बीजेपी ने प्रत्याशी घोषित किया था। पूर्व सांसद ने जातीय समीकरणों के बनने पर सदर सीट पर कमल खिलाया था। उन्होंने एसपी के डॉ. मनोज प्रजापति को 49 हजार मतों से पराजित किया था। उन्हें 110888 मत मिले थे। बीएसपी यहां तीसरे स्थान पर रही। हालांकि, अशोक सिंह चंदेल करीब दो साल तक ही विधायक रह सके। उन्हें सामूहिक हत्याकांड के मामले में हाईकोर्ट से उम्रकैद की सजा मिलने पर जेल जाना पड़ा।
उप चुनाव में भी बीजेपी ने पंक्चर की अखिलेश का साइकिल
बीजेपी विधायक अशोक सिंह चंदेल को सजा होने के बाद यहां सदर सीट पर वर्ष 2019 में उप चुनाव हुए, जिसमें पूर्व विधायक युवराज सिंह पर बीजेपी ने दांव लगाया। चुनाव में बीजेपी ने सीट बचाने के लिए पूरी ताकत झोंकी और पार्टी ने दोबारा यहां की सीट पर कमल खिलाया। युवराज सिंह ने 17771 मतों से एसपी प्रत्याशी डॉ. मनोज प्रजापति को हराकर साइकिल पंक्चर की। बीएसपी फिर तीसरे स्थान पर रही।
उप चुनाव लड़ने के लिए कई दिग्गजों ने की थी दावेदारी
पिछले उप चुनाव को लेकर नगरपालिका अध्यक्ष कुलदीप निषाद, राजीव शुक्ला, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बाबूराम निषाद व पूर्व विधायक युवराज सिंह सहित तमाम दिग्गजों ने पार्टी को आवेदन कर दावेदारी की थी, लेकिन पार्टी के हाई लेवल पर मंथन के बाद पूर्व विधायक युवराज सिंह को ही चुनाव मैदान में उतारा गया था। टिकट न मिलने से तमाम कार्यकर्ता नाराज भी हुए फिर भी युवराज सिंह हमीरपुर की सदर सीट बचाने में सफल रहे।
सदर सीट के लिए जल्द ही बीजेपी खोलेगी अपने पत्ते
विधानसभा की सदर सीट के लिए मौजूदा विधायक युवराज सिंह, शिवप्रकाश सिंह सेंगर, अरुण सिंह, राजीव शुक्ला, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बाबूराम निषाद, नगर पालिका अध्यक्ष कुलदीप निषाद, सत्तीदीन प्रजापति, राजीव लोचन पालीवाल व रामदेव सिंह समेत तमाम लोगों ने टिकट मांगे हैं। पार्टी से जुड़े लोगों की मानें तो एसपी से प्रत्याशी घोषित होने के बाद ही बीजेपी भी चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित करेगी।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Election 2022) का ऐलान चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को किया। 403 सीटों वाली 18वीं विधानसभा के लिए 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में वोट पड़ेंगे। 10 मार्च को चुनाव के नतीजे (UP Election results) आएंगे। यूपी में सात चरणों (Seven Phase) के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान (Voting) होगा।
10 फरवरी को पहले चरण (First Phase) में पश्चिम यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर, दूसरा चरण (Second Phase) 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 सीटों पर, 20 फरवरी को तीसरे चरण (Third Phase) में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होगा। चौथे चरण (Fourth Phase) में मतदान 23 फरवरी को लखनऊ सहित 9 जिलों की 60 सीटों पर होगा। पांचवे चरण (Fifth Phase) में 27 फरवरी को 11 जिलों की 60 सीटों पर, छठे चरण में 3 मार्च को 10 जिलों की 57 सीटों पर और सातवें (Seventh Phase) और अंतिम चरण (Last Phase) का मतदान 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों पर किया जाएगा। 17वीं विधानसभा का कार्यकाल (UP Assembly ) 15 मई तक है।
17वीं विधानसभा के लिए 403 सीटों पर चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक 7 चरणों में हुए थे। उस चुनाव में बीजेपी ने 312 सीटें जीतकर पहली बार यूपी विधानसभा (Uttar Pradesh Vidhansabha) में तीन चौथाई बहुमत हासिल किया। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की अगुवाई में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस (Congress) गठबंधन 54 सीटें जीत सका। इसके अलावा प्रदेश में कई बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती (Mayawati) की बीएसपी (Bahujan Samaj Party) 19 सीटों पर सिमट गई। इस बार सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भाजपा (Bharatiya Janata Party) के बीच माना जा रहा है। भाजपा योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ रही है।
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