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बीहड़ में जानलेवा कच्चे रास्ते: अब गांव गुढ़ा की गुड्डी की जान पड़ी खतरे में, ट्रॉली में हुआ प्रसव

आगरा जिले के बाह क्षेत्र में रविवार को सुंसार गांव के दलदली रास्ते से ट्रैक्टर-ट्रॉली ले जाने में पांच घंटे लगने पर उपचार के अभाव में गुड्डी देवी की जान चली गई थी। वहीं मंगलवार को गुढ़ा गांव के दलदल से भरे रास्ते से ट्रैक्टर-ट्रॉली से लाते वक्त गुड्डी देवी (35) का प्रसव हो गया। प्लेसेंटा फंसने से उसकी जान खतरे में पड़ गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किसी प्रकार जच्चा और बच्चा की जान बचाई।
चंबल के बीहड़ में बसे गुढ़ा गांव तक पहुंचने के लिए सिमराई से चार किलोमीटर कच्चे, ऊबड़ खाबड़ रास्ते से चलना पड़ता है। बारिश के काण यह रास्ता दलदली हो गया है। मंगलवार सुबह प्रसव पीड़ा होने पर गुड्डी देवी पत्नी रामराज सिंह को परिजन ट्रैक्टर-ट्रॉली से बाह सीएचसी ला रहे थे।
जच्चा-बच्चा सीएचसी में भर्ती
महिला के पति रामराज, जेठानी मूला देवी, बबली और आशा कार्यकर्ता रीना ने बताया कि गुढ़ा तक एंबुलेंस नहीं पहुंचती है। ऐसे में ट्रैक्टर-ट्रॉली से गुड्डी को ला रहे थे। ट्रॉली में प्रसव हो गया। प्लेसेंटा फंस गया था। सिमराई में उसे मुश्किल से एंबुलेंस में शिफ्ट किया। सीएचसी में उसका प्लेसेंटा निकाला गया। अधीक्षक डॉ. जितेंद्र वर्मा ने बताया कि गुड्डी देवी का फंसा हुआ प्लेसेंटा निकाला गया। जच्चा, बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।

कई बार शिकायत के बाद भी नहीं बना रास्ता
सिमराई के प्रधान जयवीर सिंह ने बताया कि गुढ़ा गांव के रास्ते को पक्का कराने के लिए कई बार जन प्रतिनिधियों से मांग की गई। शासन प्रशासन से भी गुहार लगाई, लेकिन अब तक रास्ता नहीं बना है। उन्होंने जल्द रास्त बनवाए जाने की गुहार लगाई है जिससे भविष्य में किसी और की जान खतरे में न पडे़।

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ट्रैक्टर, ट्रॉली से ही पहुंच पाती हैं पोलिंग पार्टियां
गुढ़ा गांव में पोलिंग पार्टियों के वाहन कई बार कच्चे रास्ते पर फंस चुके हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से ग्रामीण पोलिंग पार्टियों को मतदान केंद्र तक पहुंचाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के वक्त कच्चे रास्ते की सफाई जरूर हो जाती है, वह भी अभी तक नहीं हुई है।