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आगरा में कोरोना के 113 सक्रिय मरीज: आधे संक्रमितों में लक्षण नहीं, बाकी को हल्का बुखार, खांसी-जुकाम

आगरा में कोरोना संक्रमण के मरीजों के मिलने के सिलसिला जारी है। बीते आठ दिनों में 107 लोग संक्रमित मिल चुके हैं। कुल सक्रिय मरीज 113 हैं। इनमें से आधे संक्रमितों में लक्षण नहीं हैं, बाकी में हल्का बुखार, खांसी और जुकाम की शिकायत है। दो मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, बाकी के होम आइसोलेशन में रहकर इलाज करा रहे हैं।
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि अभी 113 सक्रिय मरीजों में से 50-55 फीसदी में कोई लक्षण नहीं हैं, यह किसी संक्रमित के संपर्क में आने या फिर यात्रा से लौटने पर जांच में पॉजिटिव मिले। करीब 44 फीसदी मरीजों को हल्का बुखार, खांसी आई थी, जो एक-या दो दिन रही।
अब तक सिर्फ दो मरीज भर्ती
दो मरीज एसएन कॉलेज में भर्ती हुए हैं, जिनमें एक को लकवा पड़ा था और दूसरा मरीज कैंसर रोगी है। राहत की बात है कि किसी के ऑक्सीजन का स्तर, सांस लेने में परेशानी जैसे गंभीर परेशानी नहीं मिल रही है। ऐसे में जिन लोगों ने टीका नहीं लगवाया है, वह वैक्सीन लगवाएं और मास्क, सैनिटाइजर और सामाजिक दूरी का गंभीरता से पालन करें।

20 से 45 साल के 60 फीसदी मरीज
इस सत्र में मिले 113 मरीजों में 20 से 45 साल की उम्र के सबसे ज्यादा मरीज हैं। 10 से 15 साल की उम्र के चार बच्चे भी संक्रमित हैं। 60 साल की उम्र से अधिक के भी चार मरीज हैं। इनकी हालत ठीक है और होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं। टीकाकरण कराने के बाद संक्रमित भी हुए तो हालत गंभीर नहीं होगी।

कप्पा, डेल्टा और अज्ञात वैरिएंट के मिल चुके हैं मरीज
आगरा में अभी तक कोरोना वायरस के तीन वैरिएंट मिल चुके हैं। इसमें ट्रांसयमुना कॉलोनी निवासी 30 साल के टैक्सी चालक की जीनोम सीक्वेंसिंग में कप्पा वैरिएंट का पता चला। यह होम आइसोलेशन में ही ठीक हो गया था। कमला नगर की 26 साल की युवती बीते साल जनवरी में दक्षिण अफ्रीका से लौटी थी, इसमें अज्ञात वैरिएंट मिला था। कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा प्लस के मरीज ज्यादा मिले।

शनिवार की शाम से रविवार तक रहे लॉकडाउन
नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने डीएम से अपील की है कि कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में कोविड नियमों का सख्ती से पालन करवाने को आदेशित करें। शनिवार की शाम से रविवार तक लॉकडाउन रखा जाए, इससे संक्रमण की दर कम होगी। 30 बेड वाले अस्पतालों में ऑक्सीजन के चैंबर का होना सुनिश्चित भी कराया जाए।