लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar pradesh assembly election) इस बार सिर्फ भगवान राम (Bhagwan ram) के नाम पर नहीं लड़ा जा रहा है। बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति अब अयोध्या के साथ-साथ काशी, मथुरा-वृंदावन के इर्द-गिर्द भी घूम रही है। भगवान राम के बाद अब राजनीतिक दलों में भगवान श्रीकृष्ण (Shri krishna) को अपना बताने की होड़ लग गई है। एक ओर सपा प्रमुख अखिलेश यादव, श्रीकृष्ण भगवान के सपने में आने का और अपनी सरकार बनने का दावा कर रहे है। दूसरी ओर सीएम आदित्यनाथ ने अखिलेश पर हमला करते हुए कहा कि भगवान उन्हें कोस रहे होंगे। वहीं अब बसपा ने सवाल खड़ा किया है कि क्या समाजवादी सरकार अब कृष्ण भक्तों पर भी गोली चलवाएगी।
एक निजी चैनल पर चर्चा के दौरान बसपा प्रवक्ता धर्मवीर चौधरी ने अखिलेश यादव और पूर्व समाजवादी सरकार (Samajwadi Government) पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि “आपने तो भगवान राम के वंशजों पर गोली चलवाई थी, तो क्या अब श्रीकृष्ण के वंशजों का नंबर है।” उन्होंने कहा कि भक्तों पर गोली चलवाने वालों को जीता का आशीर्वाद नहीं मिलेगा।
“क्या अखिलेश यादव को याद आते है कारसेवक”
इस दौरान राजनीतिक विश्लेषक व लेखक शांतनु गुप्ता ने कहा कि बीजेपी 1990 से राम और राम मंदिर के मुद्दे को प्रखरता से लेकर चल रही है। लेकिन क्या अखिलेश को कृष्ण के सपने के साथ कोठारी बंधु याद और कारसेवक याद आते हैं, जिन्हें छलनी करके अयोध्या को लाल कर दिया गया था, उनके पिता ने।
वहीं इस मामले में सपा प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि धर्म के मामले पर बात करने के लिए हमें किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। अगर अखिलेश यादव जी को सपना आया और दूसरी पार्टियों को नहीं आया है तो परेशान क्यों हो रहे हैं।
राम के नाम पर क्यों घिरते है सपाई और अखिलेश
घटना 1990 की है, जब अयोध्या ही नहीं पूरे देश में राम मंदिर के निर्माण का आंदोलन जोरो पर था। इस दौरान उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव थे। इसी साल के अक्टूबर और नवंबर में कारसेवकों पर तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह ने गोली चलाने के आदेश दिए थे।
बता दें कि 30 अक्टूबर 1990 को काफी संख्या में साधु-संत और कारसेवक अध्योध्या पहुंच गए थे। वह सभी हनुमानगढ़ जा रहे थे। इसी दौरान सीएम के आदेश पर पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी। इसमें जानकारी के मुताबिक पांच कारसेवकों की मौत हो गई। इससे प्रदेश ही नहीं पूरे देश में उबाल पैदा हो गया इस गोलीकांड के बाद हजारों की संख्या में कारसेवक 2 नवंबर को अयोध्या में हनुमान गढ़ी के करीब पहुंच गए, जो कि बाबरी मस्जिद के पास था। इस पर एक बार फिर दर्जनों कारसेवक पुलिस की गोली से मारे गए। इसमें कोलकाता से आए कोठारी बंधुओं की भी मौत हो गई थी।
यह आंकड़ा उन दिनों सरकार द्वारा बताया गया था, जिसे लोगों ने गलत कहा था। लोगों का कहना था कि इससे कहीं ज्यादा कारसेवकों की जान गई थी। इस घटना के बाद आज तक सपा मुखिया मुलायम सिंह और उनकी पार्टी को घेरा जाता रहा है।
अखिलेश यादव
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