आरबी लाल, बरेली
उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में मंगलवार को सुबह कांग्रेस की ओर से आयोजित मैराथन में शामिल छात्राओं में भगदड़ मच गई। इससे 30 से ज्यादा छात्राएं घायल हो गईं। इन छात्राओं को कांग्रेस ने कई स्कूलों से बुलाकर अपने मैराथन में शामिल कराया था। भगदड़ की इस घटना के बाद खलबली मच गई। आनन-फानन में घायल छात्राओं का एंबुलेंस से ले जाकर उपचार कराया गया। जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के दिए गए स्लोगन- लड़की हूं, लड़ सकती हूं की थीम पर शक्ति संवाद महाअभियान की कड़ी में बरेली शहर के बिशप मंडल इंटर कॉलेज के मैदान में पार्टीजनों ने मैराथन का आयोजन कराया।
मैराथन में 10 हजार छात्राओं को बुलाया गया था
मैराथन के लिए शहर के विभिन्न कॉलेजों से करीब 10 हजार छात्राओं को कॉलेज के मैदान में बुलाया गया था। मैराथन की शुरुआत कांग्रेस के सभी नेताओं की मौजूदगी में सुबह आठ बजे से की गई। जैसे ही इतनी ज्यादा तादाद में छात्राओं ने दौड़ना शुरू किया, वैसे ही भगदड़ ऐसी मची कि छात्राएं एक-दूसरे के ऊपर गिर गईं। इससे कई छात्राएं चोटिल हो गईं। अनुमान लगाया गया है कि 30 से ज्यादा छात्राओं के चोट आई है। इनमें से तीन छात्राओं को ज्यादा चोट लगने की बात कही गई है। जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
क्षमता से ज्यादा बुलाईं गई छात्राएं
भगदड़ पर कांग्रेसियों में मच गई खलबली
भगदड़ में जैसे ही छात्राएं चोटिल हुईं, वैसे ही उन्हें दौड़ाने वाले कांग्रेसियों में खलबली मच गई। कई कांग्रेसियों ने छात्राओं को रोकने की कोशिश की लेकिन वे नाकामयाब रहे। इस दौरान इस भगदड़ की कवरेज को पहुंचे मीडिया कर्मियों से भी कांग्रेसियों की नोकझोंक हो गई। बाद में पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन ने पत्रकारों से खेद जताया।
महिला मैराथन
क्षमता से ज्यादा बुलाई गईं छात्राएं इसलिए मची भगदड़
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के इस मैराथन में भगदड़ इसलिए मची क्योंकि जितना बड़ा कॉलेज का मैदान नहीं था, उससे ज्यादा छात्राएं बुला ली गई थीं। जाहिर है कि पूरा आयोजन कुप्रबंधन का शिकार हो गया। बताया जा रहा है कि आयोजनकर्ताओं ने प्रशासन से मैराथन की परमिशन ली थी लेकिन उसमें इतनी बड़ी तादाद में छात्राओं की भीड़ जुटने की बात नहीं बताई थी। इस बीच इस हादसे के बाद शिक्षा विभाग पर भी उंगली उठने लगी है कि इन छात्राओं को स्कूल प्रबंधक, प्रधानाचार्य और शिक्षा अधिकारियों ने स्कूल खुले होने के बावजूद कैसे वहां जाने की अनुमति दे दी।
अस्पताल में भेजी गईं छात्राएं
मौके पर नहीं था पुलिस बंदोबस्त
मौके पर किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था भी नहीं थी, जिससे दौड़ शुरू होते ही धक्का-मुक्की होने लगी। अव्यवस्था ने छात्राओं को घायल कर दिया। एंबुलेंस से 3-4 छात्राएं जिला अस्पताल ले जाया गया और वहां इलाज के लिए भर्ती कराया। मौके पर स्थिति का आकलन इससे ही किया जा सकता है कि बड़ी तादाद में जूते चप्पल इधर-उधर बिखरे हुए थे। बदहवास बच्चे इधर- उधर भाग रहे थे। अभिभावक अपने बच्चों के लिए परेशान दिखे।
सिटी मजिस्ट्रेट बोले- जांच कराएंगे
नगर मजिस्ट्रेट राजीव पांडे ने बताया कि भगदड़ किन कारणों से हुई, क्या लापरवाही थी, इतनी बड़ी तादाद में बच्चे एकत्र होना, शिक्षा विभाग द्वारा परमिशन देने आदि पहलुओं पर प्रशासन की ओर से जांच कराई जाएगी। घायल बच्चों को प्राथमिक शिक्षा चिकित्सा उपलब्ध कराई गई है।
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