वैष्णो देवी दरबार में भीषण भीड़ होने के कारण हम सभी 9 लोग एक दूसरे का हाथ पकड़कर आगे बढ़ रहे थे…। तभी अचानक माता के भवन की ओर से शोर सुनाई दिया…। दरबार की तरफ बढ़ रही भीड़ पीछे की ओर बिना कुछ सोचे समझे भागने लगी। हर ओर से चीखने चिल्लाने की आवाजें आने लगीं। हम कुछ समझ पाते कि इससे पहले ही भीड़ हम तक पहुंच गई और धक्का मुक्की कर लोग नीचे की तरफ भागने लगे….। इस धक्का मुक्की में हमारे हाथ भी छूट गए और हम बिछड़ गए…..। एक दूसरे को तलाश करते हुए जब मोर्चरी पहुंचे तो… पनकी गंगा गंज निवासी महेंद्र गौड़ (29) और उनके जीजा बिधनू काकोरी गांव निवासी नरेंद्र कश्यप (39) की मौत का पता चला….। यह आंखों देखा हाल हादसे में कानपुर के मारे गए दो श्रद्धालुओं के साथ गए साथियों ने से बातचीत के दौरान साझा किया। सात अन्य साथियों में गंगागंज निवासी अजय कुमार, शिवम, प्रियांशु, कल्लू सविता व दो साथी रसूलाबाद निवासी भी दर्शन करने गए थे।
साथियों ने बताया कि रात करीब 1.25 बजे वे लोग माता रानी के दर्शन कर गर्भ गुफा से बाहर आ गए थे। वे लोग दरबार से करीब 4 किमी ऊंचाई पर स्थित भैरो बाबा के दर्शन के लिए आगे बढ़ रहे थे। तभी दरबार की तरफ से कुछ शरारती तत्वों ने शोर मचा दिया। अचानक भीड़ नीचे की तरफ भागने लगी। अपनी जान बचाने के लिए लोग आंख बंद कर भाग रहे थे।
vaishno devi news: कानपुर के दो लोगाें की हुई मौत
महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को भी रौंद दिया
शिवम के अनुसार भीड़ के बीच मचे शोर को सुन कर ऐसा लगा मानो ऊपर कोई बड़ा हादसा हो गया है। भीड़ में शामिल महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग धक्के से जमीन पर गिर गए। लोग उन्हें रौंदते हुए भागने लगे। सभी को अपनी जान बचाने की लगी हुई थी। अफवाह किस बात की फैली थी, इसका पता नहीं चल सका। किसी ने पहाड़ गिरने की बात कही तो कोई आतंकी हमले की बात करता रहा। करीब पौन घंटे बाद जब भीड़ शांत हुई तो चारों तरफ मौत की तबाही का मंजर देख कर रोना पीटना मच गया।
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नरेंद्र का था जन्मदिन
नरेंद्र कश्यप का एक जनवरी को जन्मदिन होता है। उनके बड़े साले सुरेंद्र ने बताया कि वह पहली बार वैष्णो देवी दर्शन करने गए थे। दर्शन से पहले वह इस बात को लेकर काफी उत्साहित थे कि उन्हें माता के दर्शन उसी दिन होंगे, जिस दिन उनका जन्म हुआ था। रात करीब डेढ़ बजे नरेंद्र गर्भ गुफा में माता के दर्शन कर बाहर निकले और कुछ ही देर बाद मौत ने उन्हें गले लगा लिया।
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पूरे मोहल्ले ने जाग कर काटी रात
देर रात करीब तीन बजे शिवम ने बड़े भाई उत्कर्ष को घटना की सूचना दी तो उसके होश फाख्ता हो गए। उसने भगदड़ मचने की सूचना मोहल्ले में दी। रात भर मोहल्ले के लोगों ने जागकर रात काटी।
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