राकेश तिवारी, रायबरेली
नेहरू और गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में कांग्रेस ‘फेसलेस’ दिख रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सदर और हरचंदपुर सीट मिली थी। समय बदला तो अपनों ने भी पाला बदल लिया। अखिलेश सिंह के मुकाबले कांग्रेस दिनेश सिंह को रायबरेली में प्रमोट करने लगी, लेकिन दिनेश सिंह अब भाजपाई हो गए।
कभी प्रियंका गांधी की करीबी कही जाने वाली सदर विधायक अदिति सिंह ने भी बागी रुख अख्तियार कर लिया और अब बीजेपी में शामिल हो गईं हैं। यही स्थिति हरचंदपुर विधायक राकेश सिंह की भी है। वह भी रायबरेली में कमल खिलाने में जुटे हैं। रायबरेली में अब कांग्रेस का कोई भी विधायक नहीं बचा है। जिला पंचायत अध्यक्ष का पद पहले से ही बीजेपी के पास है।
कांग्रेस के लिए गढ़ बचाने की चुनौती
यूपी में जमीन तलाशने के साथ-साथ कांग्रेस के लिए इकलौते गढ़ को बचाने की भी चुनौती है। सीएम योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को रायबरेली पहुंचे तो उनका स्वागत कांग्रेस से बगावत कर आईं विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह ने किया। सीएम ने साफ लहजे में संकेत दिया कि हरचंदपुर और सदर सीट से आए नेता कांग्रेस को उखाड़ फेंकने का काम करेंगे।
उन्होंने तो यहां तक कहा कि हरचंदपुर और रायबरेली सदर के विधायक भाजपा को सहयोग दे रहे हैं। इस तरह कांग्रेस के बागी बीजेपी से जुड़ रहे हैं, उससे 2022 में रायबरेली से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाएगा। भाजपा को यह अच्छे से पता है कि रायबरेली में कांग्रेस पूरी तरह फेसलेस हो चुकी है, इसीलिए बीजेपी के तमाम मंत्री और नेता लगातार रायबरेली में कैंप कर रहे हैं।
प्रियंका गांधी
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