हाइलाइट्सहरदोई में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादवकहा-बड़े उद्योगपतियों के घर से अगर शुरुआत होती तो अब तक बहुत सा काला धन सामने आ जाताजनता महंगाई व भ्रष्टाचार से सबसे ज्यादा परेशान है: शिवपालसुधांशु मिश्र, हरदोई
यूपी के हरदोई जिले में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के सुप्रीमो शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने कहा कि उनके और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के गठबंधन से भारतीय जनता पार्टी डरी हुई है, क्योंकि जनता ने मन बना लिया है कि आने वाले समय में बीजेपी को हटाकर जनता अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाएगी। उन्होंने कहा कि अब जब चुनाव आया है तो छापेमारी की जा रही है। यदि बड़े उद्योगपतियों के घर से अगर शुरुआत होती तो अब तक बहुत सा काला धन सामने आ जाता।
हरदोई के बिलग्राम कस्बा निवासी प्रसपा नेता राजेश यादव के घर श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे शिवपाल यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी यह जान चुकी है कि जनता उनके खिलाफ है।
महंगाई भ्रष्टाचार से सब वर्ग परेशान है
शिवपाल यादव ने कहा कि जनता महंगाई व भ्रष्टाचार से सबसे ज्यादा परेशान है। सरकार रोजगार दे नहीं पा रही है और कानून व्यवस्था भी ठीक नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में जनता ने मन बना लिया है कि अबकी अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाएगी तो इन सब मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए छापेमारी शुरू कराई गई है, वह भी तब जब चुनाव आ गया है। शिवपाल यादव ने कहा कि 7 साल में काला धन नहीं आया. लेकिन अब चुनाव के दौरान कन्नौज व आसपास के जिलों में ही छापेमारी की जा रही है।
बड़े उद्योगपतियों के यहां की जाती तो निकलता काला धन
प्रसपा सुप्रीमो शिवपाल सिंह ने कहा कि यदि छोटे-छोटे उद्योगपतियों के यहां इतना पैसा निकल रहा है तो देश के जो बड़े उद्योगपति हैं, यदि छापेमारी वहां से शुरू होती तो पता नहीं जाने कितना धन मिलता। शिवपाल ने कहा कि नोटबन्दी सहित जो भी निर्णय लिए गए, उससे जनता को कोई फायदा नहीं हुआ। निर्णय ऐसे लेने चाहिए, जिससे जनता को फायदा हो। जीएसटी की वजह से भ्रष्टाचार बढ़ा है।
मिलकर चलेंगे, रणनीति बना लें
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि हम और अखिलेश सहित सभी लोग मिलकर चलेंगे, अभी रणनीति बनानी है। हम जानते हैं, जो हमारा गठबंधन बना है, उससे बीजेपी बौखला गई है और वे अंट-संट बक रहे हैं। बोले कि पीएम से लेकर सीएम तक चुनाव के लिए तड़प रहे हैं, जब इतना विकास कर दिया तो घर बैठे चुनाव तो जीत ही जायेंगे, फिर क्यों बौखला रहे हैं?
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Election 2022) की तैयारी शुरू हो चुकी है। 403 सीटों वाली 18वीं विधानसभा के लिए ये चुनाव फरवरी से अप्रैल के बीच हो सकते हैं। 17वीं विधानसभा का कार्यकाल (UP Assembly ) 15 मई तक है. 17वीं विधानसभा के लिए 403 सीटों पर चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक 7 चरणों में हुए थे। इनमें लगभग 61 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें 63 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं थीं, जबकि पुरुषों का प्रतिशत करीब 60 फीसदी रहा। चुनाव में बीजेपी ने 312 सीटें जीतकर पहली बार यूपी विधानसभा (Uttar Pradesh Vidhansabha) में तीन चौथाई बहुमत हासिल किया।
वहीं, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की अगुवाई में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस (Congress) गठबंधन 54 सीटें जीत सका। इसके अलावा प्रदेश में कई बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती (Mayawati) की बीएसपी (Bahujan Samaj Party ) 19 सीटों पर सिमट गई। इस बार सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भाजपा (Bhartiya Janata Party) के बीच है। भाजपा योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ रही है।
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