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हिम्मतवाली प्रीता: मां का दर्द नहीं देख सकी नौ साल की बेटी, इलाज के लिए खुद अस्पताल लेकर पहुंची, भाई का भी रख रही ख्याल

दोपहर एक बजे। जिला अस्पताल की ओपीडी में एक बच्ची पहुंची और चिकित्सकों के कक्ष की ओर मां को बचाने की गुहार लगाने लगी। भीड़ जुट गई। बच्ची चिकित्सकों को ओपीडी के गेट पर दर्द से कराहती 32 वर्षीय कैला देवी के पास लेकर पहुंची। महिला का इलाज शुरू किया गया। नौ साल की प्रीता ने बताया कि मां दर्द से रो रही थीं तो वह उनको और छोटे भाई को अस्पताल ले आई। हिम्मतवाली प्रीता…की दिनभर अस्पताल में चर्चा रही। रावली क्षेत्र की मोर गली निवासी कैला देवी प्रजापति को रीढ़ की हड्डी में समस्या है। पति पिछले साल परिवार को छोड़कर चला गया। किराए के कमरे में दो बच्चों के साथ रहती हैं। सब्जी-फल का ठेला लगाकर पालन पोषण करती थीं। अक्तूबर में रीढ़ की हड्डी में तकलीफ बढ़ी तो ठेला लगाना बंद हो गया। बीमार होने से कैला देवी राशन की दुकान पर नहीं जा पातीं। बॉयोमैट्रिक मशीन में अंगूठा नहीं लग पाने से राशन भी बंद हो गया। आसपास के लोगों की सहायता से किसी तरह खाना मिल पाता है। ऐसे में घर के काम और सात साल के छोटे भाई को संभालने और मां की देखभाल की जिम्मेदारी नौ साल की प्रीता के कंधों पर आ गई।

अस्पताल में मां के साथ बेटी

गुरुवार की दोपहर को मां कैला देवी और छोटे भाई के साथ प्रीता साईं की तकिया स्थित जिला अस्पताल पहुंची। यहां ओपीडी में उसने चिकित्सकों से मां की हालत खराब होने के बारे में बताया। बच्ची के मां की सहायता के लिए पुकार पर भीड़ इकठ्ठा हो गई। चिकित्सा अधीक्षक अशोक अग्रवाल भी सूचना पर पहुंच गए।