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चीनी मिल के तत्कालीन प्रधान प्रबन्धक, मुख्य अभियंता, मुख्य रसायनविद्, मुख्य लेखाकार, मुख्य गन्ना अधिकारी समेत 07 दोषी अधिकारी नपे

प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी तथा निबन्धक, सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियाँ, श्री संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा बताया गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर ’जीरो टॉलरेन्स’ की नीति का अनुसरण करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में दि किसान सहकारी चीनी मिल्स लि., बिलासपुर जिला-रामपुर में हुए भ्रष्टाचार के प्रकरण में भी कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए चीनी मिल को रू.181.33 लाख की वित्तीय क्षति पहुँचाने वाले सभी दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए वसूली के आदेश निर्गत किए गए हैं।
इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए निबन्धक द्वारा बताया गया कि रूद्र बिलास किसान सहकारी चीनी मिल लि., बिलासपुर, रामपुर में वित्तीय क्षति/गबन का प्रकरण कुछ समय पूर्व ही प्रकाश में आया था। इस प्रकरण पर उ.प्र. सहकारी चीनी मिल्स संघ लि., लखनऊ एवं जिलाधिकारी, लखनऊ के स्तर से विस्तृत जाँच कराई गई। जाँच में सहकारी चीनी मिल, बिलासपुर (रामपुर) में रिपेयर मेन्टीनेन्स, ओवरटाइम का भुगतान, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को भुगतान, कॉन्ट्रेक्ट लेबर को भुगतान, सीज़नल कर्मचारियों को ऑफ सीज़न में कार्य पर लेने पर भुगतान, नियंत्रण योग्य प्रशासनिक व्यय, बिजली के सामान खरीद, डीज़ल क्रय एवं निस्प्रयोज्य खोई के क्रय आदि मदों में रू.181.33 लाख की वित्तीय अनियमितता सिद्ध पायी गई। जाँच में दोषी पाए गए श्री डी.पी. सिंह, तत्कालीन प्रधान प्रबन्धक, श्री ए.के. दास, तत्कालीन मुख्य अभियंता, श्री प्रेमकान्त, तत्कालीन मुख्य रसायनविद्, श्री एम.पी. सिंह, तत्कालीन मुख्य रसायनविद् एवं श्री आई.यू. खान, तत्कालीन मुख्य लेखाकार के विरूद्ध निबन्धक, सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियाँ, उत्तर प्रदेश द्वारा उ. प्र. सहकारी समिति अधिनियम 1965 की धारा 65 व 66 के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए वसूली के आदेश पारित किए गए हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि उपरोक्त अधिकारियों के अतिरिक्त दोषी पाए अन्य कार्मिकों श्री सौरभ बंसल, तत्कालीन मुख्य लेखाकार एवं श्री त्रिलोकी सिंह, तत्कालीन मुख्य गन्ना अधिकारी के अभी कार्यरत रहने के कारण इनके विरूद्ध वसूली की कार्यवाही हेतु प्रबन्ध निदेशक, उ.प्र सहकारी चीनी मिल्स संघ लि., लखनऊ को निर्देशित किया गया है।
निबन्धक द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि शासन के निर्देशानुसार भ्रष्टाचार पर ’जीरो टॉलरेन्स’ की नीति का अनुसरण किया जा रहा है, एवं यदि किसी भी कार्मिक की संलिप्तता भ्रष्टाचार एवं कदाचरण आदि कार्यो में पायी जाएगी तो उसके विरूद्ध सख्त दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी, जिससे वह दूसरों के लिये नज़ीर बने।