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Covid-19 Third Wave: ‘ओमीक्रोन से आ सकती है तीसरी लहर, 3 फरवरी को भारत में पीक पर होगा कोरोना’, IIT कानपुर की रिसर्च में अनुमान

हाइलाइट्सदेश में ओमीक्रोन वेरिएंट की वजह से कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है आईआईटी कानपुर के रिसर्चरों ने अपनी नई स्टडी में यह अनुमान जताया हैIIT के शोधकर्ताओं की एक टीम के नेतृत्व में अभी तक के मामलों की समीक्षा हैदराबाद
देश में जल्द ही कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है और इसके लिए नया वेरिएंट ओमीक्रोन जिम्मेदार होगा। आईआईटी कानपुर के रिसर्चरों ने अपनी नई स्टडी में यह अनुमान जताया है। इसके अनुसार, 3 फरवरी को कोरोना केस पीक पर होंगे। आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं की एक टीम के नेतृत्व में अभी तक के मामलों की समीक्षा की गई है। अध्ययन में महामारी की पहली दो लहरों के डेटा का इस्तेमाल करके तीसरी लहर का पूर्वानुमान लगाया गया है।

शोधकर्ताओं की रिपोर्ट कहती है, ‘दुनिया भर के ट्रेंड को देखते हुए यह प्रोजेक्ट रिपोर्ट भारत में दिसंबर मध्य से तीसरी लहर का पूर्वानुमान करती है जो कि फरवरी की शुरुआत में पीक पर होगी।’ रिसर्चरों की टीम ने गॉजियन मिक्सचर मॉडल नाम के एक स्टेटिस्टिकल टूल का इस्तेमाल किया है।

735 दिन बाद पीक पर पहुंचते हैं कोरोना केस
रिसर्च रिपोर्ट में भारत में पहली और दूसरी लहर के डेटा का इस्तेमाल किया गया। साथ ही वर्तमान में अलग-अलग देशों में फैल रहे ओमीक्रोन के संक्रमण को भी शामिल किया है। रिसर्चरों का कहना है कि स्टडी में सामने आया है कि हमारी प्रारंभिक अवलोकन तिथि से 735 दिनों बाद कोरोना केस पीक पर पहुंच सकते हैं।

3 फरवरी को आएंगे सबसे ज्यादा केस?
भारत की प्रारंभिक अवलोकन तिथि या (Initial Observation Date) 30 जनवरी 2020 है जब यहां कोविड-19 का पहला आधिकारिक मामला सामने आया था। इसलिए 15 दिसंबर 2021 से केस फिर से बढ़ना शुरू हो रहे हैं और तीसरी लहर का पीक 3 फरवरी 2022 दिन गुरुवार को हो सकता है। आईआईटी कानपुर के अनुसार, इस दिन कोरोना के सबसे अधिक केस दर्ज किए जा सकते हैं।

रिसर्च में कौन-कौन शामिल?
आईआईटी कानपुर के गणित और सांख्यिकी विभाग से रिसर्च टीम बनाई गई है, जिसमें सबर प्रसाद राजेशभाई, शुबरा शंकर धर और शलभ शामिल हैं। रिसर्चरों का कहना है कि ‘पहली और दूसरी लहर के बाद जो मुख्य सवाल बना हुआ था कि वह यह कि क्या तीसरी लहर भी आएगी और आएगी तो कब आएगी?’

इस तरह की गई स्टडी
इस पहेली को सुलझाने के लिए टीम ने एक स्टेटिस्टिकल मेथड का इस्तेमाल किया जो गॉजियन डिस्ट्रिब्यूशंस के मिक्चर के फिटिंग पर आधारित है। रिसर्चरों ने बताया, ‘दूसरे देशों के प्रति मिलियन रोजाना मामलों की भारत के ग्राफ के साथ आंकलन करने के बाद 10 टॉप देशों को ट्रेनिंग डेटाबेस के तौर पर चुना गया। ये 10 देश- यूएस , यूके, जर्मनी फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, रूस, इजरायल, स्पेन, जांबिया और जिम्बॉब्वे हैं। जांबिया और जिम्बॉब्वे निकटतम मेल खाने वाले देश हैं जहां पर कोरोना के डेली केस का पैटर्न भारत जैसा ही है।

सांकेतिक तस्वीर