अभिषेक कुमार झा , वाराणसी
बाबा विश्वनाथ का धाम का भव्य लोकार्पण पीएम नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर को किया। काशी विश्वनाथ धाम के भव्य शिलान्यास के समय पीएम ने कहा था कि ये बाबा विश्वनाथ के मुक्ति का महापर्व है। पीएम ने काशी विश्वनाथ को लेकर अपने संकल्प की सिद्धि तो कर ली, लेकिन जिस शहर के बारे में कहा जाता है कि जिसके कण-कण में शंकर खुद विराजमान है, उस शहर के एक थाने में 126 शिवलिंग जब्ती के तौर पर रखे गए हैं और उनके मुक्ति का अभी तक कोई आसार नजर नहीं दिखाई दे रहा है।
दिसंबर 2018 में लंका थाने के रोहित नगर में एक ज़मीन पर मलबे के ढेर में सैकड़ो शिवलिंग मिले थे। सुबह शिव की नगरी में शिवलिंग मिलने पर हड़कम्प मच गया था। जमकर हंगामा हुआ था। ये कहा गया कि ये शिवलिंग कॉरिडोर निर्माण के दौरान तोड़कर यहां डंप किए गए हैं। हंगामा बढ़ने पर स्थानीय पुलिस ने मामला भी दर्ज किया और दो लोगों को हिरासत में भी लिया गया, लेकिन 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी थाने के परिसर में कैद शिवलिंगों को आज भी रिहाई के इंतज़ार है।
स्थानीय निवासी नितिन राय ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में कहा कि सुबह-सुबह वो अपने पड़ोसियों संग चाय पी रहे थे, तभी उनकी नजर जमीन को समतल करने वाले मलबे के ढेर पर पड़ी। मलबे में सैकड़ों शिवलिंग टूटे-फूटे अवस्था में पड़े थे। उस दौरान काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए जमीनों का अधिग्रहण कर मकानों को ध्वस्त करने का कार्य चल रहा था। इसी दौरान कई मंत्रियों और मूर्तियों के खंडित होने की चर्चा भी बड़ी आम थी।
मलबे में पड़े शिवलिंग की तस्वीर को मैंने ट्विटर के माध्यम से प्रशासन को अवगत कराया। मेरी सूचना पर तत्काल प्रशासन एक्टिव हुआ और मौके पर अधिकारी पहुंचे। सूचना मिलते ही विद्यामठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और कांग्रेस के नेता अजय राय धरने पर बैठ गए थे।
स्वामी जी और अजय राय ने कॉरिडोर निर्माण के दौरान मूर्तियों और विग्रहों को खंडित करने का सनसनीखेज आरोप भी लगाया। हालांकि, उस समय के तत्कालीन एसडीएम विनोद सिंह ने इन आरोपों का खंडन कर दिया था और बताया कि कॉरिडोर का सारा मलबा मीरघाट में डंप किया जा रहा है।
अजय राय ने दर्ज कराया था मुकदमा
लंका एसओ वेद प्रकाश राय ने बताया कि दिसंबर 2018 में अजय राय की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया था। जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट न्यायालयमें लगा दी गई है। मुकदमे के आधार पर मलबे के ढेर में से 126 शिवलिंग ज़ब्त किए गए थे। इन शिवलिंगों की विद्यामठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के अनुरोध पर उनके बटुकों द्वारा रोजाना पूजन भी होता है। अब न्यायालय की ओर से जैसे ही फैसला आ जाएगा। ये शिवलिंग मुक़दमा दर्ज कराने वाले व्यक्ति को सौंप दिया जाएगा।
अजय राय ने कहा- इतना बड़ा धाम बना है, सभी शिवलिंगों को स्थापित करें कॉरिडोर में
मलबे के ढेर में मिले इन शिवलिंगों को लेकर मुकदमा दर्ज कराने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं दिग्गज नेता अजय राय ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में कहा कि शिवलिंग चाहे कॉरिडोर के हिस्से से निकले हों या न निकले हों। न्यायालय में अगर फाइनल रिपोर्ट आ गई है तो फैसला आते ही शिवलिंग को उसी धाम में स्थापित किया जाना चाहिए, वहां पर भरपूर जगह भी है। शिवलिंग अपने सही स्थान पर पूरे सम्मान के साथ स्थापित हो, यही उनकी मंशा भी है। सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हम लोग शुरू से कह रहे हैं कि कॉरिडोर निर्माण के दौरान कई मंदिरों और मूर्तियों का विखंडन हुआ है, लेकिन लंका थाने में कैद इन शिवलिंग को 3 साल बीतने के बाद भी उचित सम्मान अब तक नहीं मिला है।
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