मुजफ्फरनगर की खतौली पुलिस द्वारा एक व्यक्ति के खिलाफ 23 साल में 49 फर्जी मुकदमे दाखिल करने मामले में डीजीपी और एसएसपी मुजफ्फरनगर हाईकोर्ट में पेश हुए। उनकी ओर से हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि याची के दावे सही नहीं हैं। याची की ओर से लगाए गए कागजात में भी विरोधाभास है।
डीजीपी के हलफनामे पर कोर्ट ने याची के अधिवक्ता को जवाब दाखिल करने का समय दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह ने गौरव उर्फ गौरा की नारकोटिक्स ड्रग्स एक्ट के तहत दर्ज मामले में दाखिल जमानत अर्जी पर दिया है। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने पक्ष रखा। उन्होंने कोर्ट को बताया कि याची ने जिन मुकदमों में खुद को बरी बताया है, उनमें वह सजायाफ्ता है। याचिका में लगाए गए कागजात से भी यह पता चलता है। फर्जी मुकदमे दाखिल करने की बात मनगढ़ंत है।
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