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UP Election 2022: आज मिर्जापुर में होगा सत्ता का संग्राम, आप भी जुड़िए और करिए अपने नेताओं से सवाल

धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से समृद्ध मिर्जापुर का अपना अलग ही अंदाज है। यह हिंदुओं की आस्था का बड़ा केंद्र है। यहां मां विंध्यवासिनी का धाम है तो अष्टभुजा मंदिर, सीता कुंड, काली खोह, बुदे नाथ मंदिर, नारद घाट, लाल भैरव और काल भैरव मंदिर भी है। इसके अलावा भी कई प्राचीन मंदिर मिर्जापुर की पहचान का हिस्सा हैं।

राजनीति के लिहाज से भी मिर्जापुर काफी अहम है। यहां पांच विधानसभा क्षेत्र है। इनमें चार पर भाजपा और एक पर भाजपा की सहयोगी अपना दल सोनेलाल के प्रत्याशी ने 2017 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी।

अब एक बार फिर से यहां का सियासी माहौल गर्म होने लगा है। अगले साल चुनाव को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि योगी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में यहां कितना विकास हुआ? क्या आम लोग सरकार के कामकाज से खुश हैं?  युवा महिलाएं और आम जनता मौजूदा सरकार के बारे में क्या सोचती है? राजनीतिक दलों के नेताओं का क्या मानना है? वह किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे? इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए ‘ चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ मंगलवार को मिर्जापुर में होगा।

आप भी  इस मंच से जुड़ सकते हैं। इसके जरिए आप अपने क्षेत्र, शहर, राज्य और देश के हर मुद्दों को उठा पाएंगे। आप बता पाएंगे कि आने वाले चुनाव में नेताओं और राजनीतिक दलों से आपको क्या उम्मीदें हैं? किन मसलों को लेकर आप मतदान करेंगे और नेताओं से आप क्या चाहते हैं?

अब तक 29 जिलों में हो चुका है कार्यक्रम

अब तक पश्चिमी यूपी, ब्रज, अवध और पूर्वांचल के 29 जिलों में ‘सत्ता का संग्राम’ आयोजित हो चुका है। 11 नवंबर को गाजियाबाद से चला रथ मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, हाथरस, अलीगढ़ होते हुए एक दिसंबर को बुलंदशहर पहुंचा था। इसके बाद हमारा चुनावी रथ अवध और फिर पूर्वांचल में दाखिल हुआ। यह रथ लखनऊ, अयोध्या, गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर होते हुए अब मिर्जापुर पहुंचेगा।

‘सत्ता का संग्राम’ में क्या होगा खास?
चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ के तहत हर वर्ग के मतदाताओं तक पहुंचेगा। चाय पर चर्चा के साथ-साथ महिलाओं और युवाओं से संवाद होगा। राजनीतिक हस्तियों से सीधे सवाल पूछे जाएंगे।  आपको एक मंच दे रहा है, जहां आप बातों को रख सकेंगे, ताकि जब राजनीतिक हस्तियां चुनावी रैलियां करने आएं तो उन्हें आपसे जुड़े जमीनी मुद्दे भी याद रहें।