हाइलाइट्सईओ नगर पंचायत नरैनी के बाद एसडीएम निलंबितकई जिलों में हिंदू संगठन कर रहे विरोधकोतवाली प्रभारी पर भी गिर सकती है गाजअनिल सिंह, बांदा
उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा में 200 से अधिक गायों को मध्य प्रदेश के पहाड़ी खेरा जंगल में छोड़ने और आधा सैकड़ा गायों को जिंदा दफन करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जहां तमाम हिंदू संगठन बांदा से लेकर झांसी, महोबा और मध्य प्रदेश के सतना पन्ना जिले में आंदोलन कर रहे हैं तो वहीं शासन भी इस मामले में एक्शन में आ गया है। दो दिन पहले ईओ (अधिशासी अधिकारी) बहादुर सिंह नगर पंचायत नरैनी को निलंबित किया गया था और अब नरैनी एसडीएम सुरजीत सिंह पर गाज गिरी है। शासन ने उन्हें भी निलंबित कर दिया है। इनके अलावा सीओ नरैनी और कोतवाली प्रभारी पर भी गाज गिर सकती है।
तीन दिसंबर की रात नरैनी कस्बे में स्थित मोतियारी मंडी में बनी गौशाला में लगभग 9 ट्रकों में 200 से अधिक गायों को भरकर मध्य प्रदेश के जंगल में ले जाया गया था और यहां पन्ना मध्य प्रदेश के पहाड़ी खेरा जंगल में उन्हें छोड़ दिया गया था। इनमें आधा सैकड़ा बीमार गायों को जिंदा दफन करने का मामला प्रकाश में आने के बाद हिंदू संगठन आंदोलित हो गए।
जांच टीम का गठन
मामले को लेकर जिला अधिकारी अनुराग पटेल ने मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्य की अध्यक्षता में एक जांच टीम गठित की थी। जिसकी रिपोर्ट पर शासन ने ईओ अमर सिंह को निलंबित कर दिया था लेकिन यहां हिंदू संगठन मात्र ईओ के निलंबन से संतुष्ट नहीं थे। उनका कहना है कि इस मामले में जो भी दोषी हैं उन्हें दंडित कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए। इसी कड़ी में जिलाधिकारी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट पर शासन में एसडीएम सुरजीत सिंह को निलंबित कर दिया है। इस बात की पुष्टि अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक डॉ देवेश चतुर्वेदी द्वारा की गई है। सुजीत सिंह के स्थान पर बांदा में ही कार्यरत उप जिलाधिकारी रावेद्र कुमार को नए एसडीएम के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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इस मामले को लेकर नरैनी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक राज करन कबीर भी लगातार सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने मुख्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
दफन की गई 20 गायों की मौत की पुष्टि
मध्य प्रदेश के पन्ना में पहाड़ी खेरा जंगल में दफनाई गई 20 गायों का पोस्टमार्टम कराया गया। गुरुवार को इनकी रिपोर्ट आई। मौत का कारण दम घुटने बताया गया। एमपी के अधिकारियों का कहना है कि उनके यहां सभी गोवंशीय पशुओं में टैग लगा है। जबकि इन गायों में कोई टैग नहीं है। इसलिए यह यूपी के हैं नरैनी से लाकर दफनाए गए हैं। कुछ गायों को सेवक जीवित अवस्था में लाकर उनका इलाज करा रहे हैं। छोड़ी गई 200 गायें कहां गई, इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। जनपद पन्ना का प्रशासन छोड़ी गई गायों को तलाश कर रहा है। इस बात की भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि जिस स्थान पर इन गायों को छोड़ा गया है वह स्थान बाघ बाहुल्य पन्ना टाइगर रिजर्व पार्क से जुड़ा हुआ है। ऐसे में छोड़ी गई गायें इन जानवरों को शिकार बन सकती हैं।
गोआश्रम से गायब गायों को लेकर बांदा में हिंंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन भी किया।
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