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यूपी का रण : गोरखपुर में उर्वरक कारखाने के शुभारंभ के बाद बलरामपुर में सरयू नहर का लोकार्पण आज

सार
मोदी जिस सरयू नहर परियोजना का शनिवार को उद्घाटन करने बलरामपुर पहुंच रहे हैं, उसकी शुरुआत 1978 में हुई थी। लेकिन, चार दशक में भी पूरी नहीं हो पाई। हर चुनाव में इसे पूरा कराने का आश्वासन देकर सियासी फसल काटने की कोशिश होती रही।

यूपी विधानसभा
– फोटो : सोशल मीडिया

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा चुनाव से पहले यूपी की सियासी फसल लहलहाने के लिए किसानों को खाद कारखाने के बाद शनिवार को सरयू नहर परियोजना के जरिए सिंचाई के लिए पानी की सौगात देंगे। सरयू नहर परियोजना चार दशक पहले शुरू की गई थी, जिसे योगी सरकार ने युद्धस्तर पर पूरा कराया है। किसान आंदोलन से राहत के बीच अब किसानों पर फोकस प्रोजेक्ट का धूमधाम से लोकार्पण व भूमि-पूजन करने की तैयारी है।

प्रधानमंत्री मोदी 2014 के लोकसभा चुनाव व उसके बाद के सभी चुनावों में पूर्व की सरकारों में दशकों से किए जा रहे वादों व लंबित प्रोजेक्ट को मुद्दा बनाते रहे हैं। इनमें गोरखपुर के उर्वरक कारखाने से लेकर विंध्याचल की बाणसागर परियोजना, अवध व पूर्वांचल की सरयू व राप्ती नहर परियोजना के साथ बुंदेलखंड की अर्जुन सहायक परियोजना तथा केन-बेतवा लिंक जैसी नहर परियोजनाएं शामिल रही हैं। लोकसभा चुनाव से पहले दो दशक से लंबित बाणसागर परियोजना 2018 में ही पूरी हो गई।

गत नवंबर में पीएम ने अर्जुन सहायक परियोजना की भी शुरुआत की। 31 वर्ष से बंद चल रहे गोरखपुर खाद कारखाने का बीते मंगलवार को उद्घाटन हुआ। इसके लोकार्पण से किसानों के लिए खाद का संकट खत्म करने में बड़ी मदद मिलने वाली है। बाकी प्रोजेक्ट का उद्घाटन व शिलान्यास कर इन उपलब्धियों को चुनाव से पहले धूमधाम के साथ जनता तक पहुंचाने की योजना है।

सरयू नहर से 29 लाख किसानों पर नजर
मोदी जिस सरयू नहर परियोजना का शनिवार को उद्घाटन करने बलरामपुर पहुंच रहे हैं, उसकी शुरुआत 1978 में हुई थी। लेकिन, चार दशक में भी पूरी नहीं हो पाई। हर चुनाव में इसे पूरा कराने का आश्वासन देकर सियासी फसल काटने की कोशिश होती रही।

विधानसभा चुनाव 2017 के बाद केंद्र सरकार की मदद से योगी सरकार ने इस पर काम शुरू किया और नौ जिलों को जोड़ने वाली यह परियोजना अब पूरी हो गई है। 6,623.44 किमी लंबी इस नहर से बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, गोरखपुर व महराजगंज के 29 लाख किसानों को सौगात मिलेगी। 14.4 लाख हेक्टेयर सिंचाई की अतिरिक्त क्षमता में वृद्धि होगी।

यही नहीं, नहर की पटरियों पर बने करीब 5,000 किमी सेवा मार्ग संपर्क मार्ग के रूप में ग्रामीणों की राह आसान बनाएंगे। राप्ती नहर के दोनों किनारों पर खास तौर से बनाए गए 8.8 मीटर चौड़े सेवा मार्ग भविष्य में नेपाल के साथ बॉर्डर रोड के रूप में काम आएंगे।

केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला जल्द
चुनाव से पहले नदी जोड़ो अभियान के तहत देश की पहली केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला भी रखी जा सकती है। झांसी में इसका भूमि-पूजन हो सकता है। मोदी कैबिनेट ने यूपी व एमपी से जुड़ी इस परियोजना को बुधवार को ही मंजूरी दी है। इससे पानी की कमी से जूझ रहे बुंदेलखंड को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

इस प्रोजेक्ट से गैर मानसून सीजन (नवंबर से अप्रैल के बीच) में एमपी को 1,834 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) व यूपी को 750 एमसीएम पानी मिलेगा। परियोजना को लेकर दोनों प्रदेश के बीच विवाद था, जो केंद्र के हस्तक्षेप के बाद खत्म हुआ है।

विस्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा चुनाव से पहले यूपी की सियासी फसल लहलहाने के लिए किसानों को खाद कारखाने के बाद शनिवार को सरयू नहर परियोजना के जरिए सिंचाई के लिए पानी की सौगात देंगे। सरयू नहर परियोजना चार दशक पहले शुरू की गई थी, जिसे योगी सरकार ने युद्धस्तर पर पूरा कराया है। किसान आंदोलन से राहत के बीच अब किसानों पर फोकस प्रोजेक्ट का धूमधाम से लोकार्पण व भूमि-पूजन करने की तैयारी है।

प्रधानमंत्री मोदी 2014 के लोकसभा चुनाव व उसके बाद के सभी चुनावों में पूर्व की सरकारों में दशकों से किए जा रहे वादों व लंबित प्रोजेक्ट को मुद्दा बनाते रहे हैं। इनमें गोरखपुर के उर्वरक कारखाने से लेकर विंध्याचल की बाणसागर परियोजना, अवध व पूर्वांचल की सरयू व राप्ती नहर परियोजना के साथ बुंदेलखंड की अर्जुन सहायक परियोजना तथा केन-बेतवा लिंक जैसी नहर परियोजनाएं शामिल रही हैं। लोकसभा चुनाव से पहले दो दशक से लंबित बाणसागर परियोजना 2018 में ही पूरी हो गई।

गत नवंबर में पीएम ने अर्जुन सहायक परियोजना की भी शुरुआत की। 31 वर्ष से बंद चल रहे गोरखपुर खाद कारखाने का बीते मंगलवार को उद्घाटन हुआ। इसके लोकार्पण से किसानों के लिए खाद का संकट खत्म करने में बड़ी मदद मिलने वाली है। बाकी प्रोजेक्ट का उद्घाटन व शिलान्यास कर इन उपलब्धियों को चुनाव से पहले धूमधाम के साथ जनता तक पहुंचाने की योजना है।