हाइलाइट्सयूपी के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के हालिया बयान और उनके क्या हैं मायनेमथुरा को लेकर ट्वीट और लुंगी-जालीदार टोपी को लेकर केशव मौर्य ने दिया था बयानकेशव मौर्य खुद को यूपी में बीजेपी के कट्टर हिंदुत्व के चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे हैंलखनऊ
क्या विश्व हिंदू परिषद में गहरी जड़ें रखने वाले यूपी के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) विधानसभा चुनाव से पहले अपने पुराने रूप में वापस आ गए हैं? विपक्ष पर निशाना साधते हुए केशव मौर्य (Keshav Maurya Statement) के हालिया बयानों को देखें तो यह सवाल उठना लाजिमी हो जाता है। फिर चाहे मथुरा पर उनका विवादित ट्वीट हो या फिर लुंगी और जालीदार टोपी वाला बयान, केशव यूपी में कट्टर हिंदुत्व का चेहरा बनने की तस्वीर पेश कर रहे हैं।
पिछले हफ्ते ही केशव प्रसाद मौर्य ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को अखिलेश अली जिन्ना बताया था। अखिलेश ने बीते दिनों पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को महात्मा गांधी और सरदार पटेल के समकक्ष बताया था जिसके बाद उनकी काफी किरकिरी हुई थी। केशव मौर्य और बीजेपी इसके बाद लगातार अखिलेश पर हमलावर है।
केशव मौर्य के हालिया बयान और उनके मायने
हाल ही में अपने एक ट्वीट से केशव मौर्य ने यूपी में सियासी हलचल तेज कर दी। केशव ने ट्वीट किया था कि अयोध्या काशी में मंदिर निर्माण जारी है, अब मथुरा की तैयारी है। इसके बाद डेप्युटी सीएम ने पिछली सरकार के कार्यकाल में खराब कानून-व्यवस्था के लिए अल्पसंख्यकों पर आरोप लगाते हुए लुंगी और जालीदार टोपी का बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि योगी सरकार ने लुंगी और टोपीवाले गुंडों को करारा जवाब दिया है।
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मौर्य के इस बयान से बीजेपी के वरिष्ठ नेता दूरी बनाकर चल रहे हैं हालांकि सियासी पंडितों का कहना है कि इस तरह के बयानों से स्पष्ट है कि बीजेपी यूपी की सत्ता में दोबारा बैठने के लिए अपने विरोधियों के खिलाफ इस दांव को आजमा सकती है। एक विश्लेषक ने कहा, ‘मौर्य के हालिया बयान किसी एक का जुबानी हमला नहीं है।’
लाइमालाइट बटोरने के लिए दे रहे ऐसे बयान
उधर समाजवादी पार्टी ने भी मौर्य के बयान पर प्रतिक्रिया दी। पार्टी एमएलसी और अखिलेश के सहयोगी उदयवीर सिंह ने मौर्य को गैरजिम्मेदार नेता बताया जिसे अपने संवैधानिक पद की कोई गरिमा नहीं है। उदयवीर सिंह ने कहा, ‘यह सबकुछ जानबूझकर लोगों का दिमाग मुख्य मुद्दों से भटकाने के लिए किया जा रहा है।’ वहीं केशव मौर्य पर हमला बोलते हुए उदयवीर ने कहा कि पिछले कुछ सालों से पार्टी से साइडलाइन केशव मौर्य अवसाद और निराशा के चलते इस तरह के बयानों से लाइमलाइट बटोर रहे हैं।
केशव के बयान पर बीजेपी की सफाई
वहीं बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है कि केशव मौर्य के बयान को सांप्रदायिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि डेप्युटी सीएम ने लुंगी और टोपी का बयान सपा कार्यकाल में प्रयाराज के कुछ व्यापारियों द्वारा झेली गई परेशानियों के संदर्भ में दिया। राकेश त्रिपाठी ने कहा, ‘इसी तरह मथुरा को लेकर उनका ट्वीट बीजेपी के हिंदू धार्मिक स्थलों को भव्य और आकर्षक धार्मिक पर्यटन केंद्र के तब्दील करने की प्रतिबद्धता को लेकर था।’
वीएचपी से बीजेपी में शामिल हुए थे केशव मौर्य
केशव मौर्य 2002 में आधिकारिक रूप से बीजेपी में शामिल होने से पहले विश्व हिंदू परिषद के मुख्य पदाधिकारी थे। दो हार के बाद 2012 में उन्होंने कौशांबी जिले की सिराथू सीट से जीत दर्ज की। इसके बाद 2014 में उन्होंने फूलपुर से लोकसभा चुनाव जीता। इसके बाद ओबीसी चेहरे के रूप में मौर्य 2016 में यूपी बीजेपी के अध्यक्ष नियुक्त किए गए और बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया।
केशव प्रसाद मौर्य
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