गाजियाबाद
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने हिंदू धर्म अपना लिया। उनका नाम अब जितेंद्र नारायाण सिंह त्यागी होगा। वसीम ने गाजियाबाद के डासना मंदिर में सनातन धर्म अपनाया। मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने ऐलान किया धर्म परिवर्तन के बाद वसीम रिजवी की जाति और गोत्र को लेकर कोई सवाल न खड़ा हो इसलिए वह उन्हें अपना भाई बना रहे हैं और उनका गोत्र वत्स होगा।
वसीम रिजवी के धर्म परिवर्तन से संबंधित सारे अनुष्ठान करवाने के बाद नरसिंहानंद सरस्वती ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि जो भी मुसलमान धर्म परिवर्तन करते हैं तो मुस्लिम मौलाना उन्हें कंफ्यूज करते हैं।
‘जाति और गोत्र को लेकर नहीं होगी शंका’
नरसिंहानंद ने कहा कि मौलाना धर्म परिवर्तन करने वालों के लिए कहते हैं कि किस जाति में जा रहे हैं। कहते थे हिंदू धर्म जातियों में बंटा है आप किस जाति में जाएंगे? इसलिए मैंने इस समस्या का समाधान करने के लिए उन्होंने वसीम को अपना भाई बनाया है।
डासना मंदिर के महंत ने कहा कि उन्होंने वसीम रिजवी का धर्म परिवर्तन करवाने से पहले त्यागी समाज के प्रतिष्ठित लोगों को बुलाया। उनसे बातचीत करके ही वसीम को त्यागी समाज में शामिल कराया है।
‘पिता के दो पुत्र कहलाएंगे’
डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि उनके पिता के 2 पुत्र थे उनमें से एक ने सन्यास ले लिया (स्वयं)। लेकिन अब उनके पिता के फिर से 2 पुत्र कहलाएंगे। एक उनका भाई और दूसरा जितेंद्र नारायाण सिंह त्यागी। आज से वसीम रिजवी के बजाएं जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के नाम से जाने जाएंगे। वह उनके परिवार का हिस्सा बन गए हैं। महंत ने कहा कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उनके भाई हैं और उनका गोत्र वत्स है।
More Stories
Rishikesh में “अमृत कल्प” आयुर्वेद महोत्सव में 1500 चिकित्सकों ने मिलकर बनाया विश्व कीर्तिमान, जानें इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में
Jhansi पुलिस और एसओजी की जबरदस्त कार्रवाई: अपहृत नर्सिंग छात्रा नोएडा से सकुशल बरामद
Mainpuri में युवती की हत्या: करहल उपचुनाव के कारण सियासी घमासान, सपा और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप