प्रदेश सरकार बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 0-6 वर्ष के बच्चों, 11 से 14 वर्ष की स्कूल न जाने वाली किशोरी बालिकाओं तथा गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को समुचित पोषण, स्वास्थ्य एवं प्रतिरक्षण के लिए समन्वित बाल विकास योजना (आई0सी0डी0एस0) के अन्तर्गत अनुपूरक पोषाहार, स्वास्थ्य प्रतिरक्षण (टीकाकरण), स्वास्थ्य जांच, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, स्कूल पूर्व शिक्षा, निर्देशन एवं संदर्भन सेवायें प्रदान की जा रही है। भारत सरकार के दिशा-निर्देशन में पोषण सम्बन्धी सेवाएं समुदाय में प्रदान किये जाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र एक महत्वपूर्ण ईकाई है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा लाभार्थियों को अनुपूरक पुष्टाहार वितरण, गृह भ्रमण, पोषण सम्बन्धी परामर्श के साथ-साथ बच्चों की वृद्धि निगरानी सम्बन्धी गतिविधियां करते हुए महिलाओं एवं बाल विकास का कार्य कर रही है।
कोविड-19 महामारी प्रकोप से सम्पूर्ण देश एवं विश्व में संघर्षमय परिस्थितियां उत्पन्न हुई है फिर भी इन अपरिहार्य परिस्थितियों के बावजूद भी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा लाभार्थियों के परिवारों के पोषण एवं स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए घर-घर जाकर अनुपूरक पुष्टाहार का वितरण नियमित रूप से कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए किया गया।
अनुपूरक पुष्टाहार योजना आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत लाभार्थियों को उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार हेतु अनुपूरक पोषाहार से लाभान्वित किया जाता है।
वर्ष 2020-21 से प्रदेश में पहली बार 0-6 वर्ष के अतिकुपोषित बच्चों को अतिरिक्त खाद्यान्न दिया जा रहा है। अनुपूरक पुष्टाहार व्यवस्था में सामुदायिक सहभागिता एवं महिलाओं के स्वावलम्बन, आर्थिक आत्मनिर्भरता के उद्देश्य से सम्पूर्ण अनुपूरक पुष्टाहार व्यवस्था को माह अक्टूबर, 2020 से विकेन्द्रिकृत करते हुए प्रदेश भर में 60 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से पुष्टाहार वितरण की नवीन व्यवस्था लागू की गयी। इससे स्थानीय स्तर पर सामुदायिक सहभागिता, योजना के प्रति दायित्वबोध एवं स्थानीय स्तर पर ही कार्य एवं गुणवत्ता की निगरानी बेहतर रूप से हो रही है।
सरकार द्वारा प्रथम बार अनुपूरक पुष्टाहार वितरण प्रणाली में पारदर्शिता तथा रियल टाइम मानिटरिंग हेतु डिजिटल प्रणाली अन्तर्गत ’’दिया पोर्टल’’ तैयार कराया गया है।
भारत सरकार के निर्देश के क्रम में पायलट बेसिस पर प्रदेश के 02 जनपद वाराणसी एवं चन्दौली में लाभार्थियों को फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। तृतीय त्रैमास से प्रदेश के समस्त जनपदों में फोर्टिफाइड चावल के वितरण किये जाने हेतु भारत सरकार से फोर्टिफाइड चावल के आवंटन हेतु अनुरोध किया गया है।
चावल की आपूर्ति/वितरण खाद्य एवं रसद विभाग के माध्यम से कोटेदार पर लाभार्थियों को टोकन के माध्यम से आंगनबाड़ी द्वारा कराया जा रहा है।
जनपद फतेहपुर एवं उन्नाव की 03 परियोजनाओं में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों द्वारा रेसिपी बेस्ड पुष्टाहार उत्पादन इकाई की स्थापना कर खाद्य सामग्री आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से लाभार्थियों को वितरित किया जा रहा है।
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