प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी श्री संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा पेराई-सत्र 2021-22 के सुरक्षित एवं सफल संचालन कराने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं। इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुये प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के सम्बन्ध में भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं, जिसके दृष्टिगत चीनी मिलों एवं विभागीय अधीनस्थ कार्यालयों को सम्बन्धित प्रोटोकॉल के अनुपालन के सम्बन्ध में गत पेराई-सत्र 2020-21 में दिशा-निर्देश जारी कर कड़ाई से अनुपालन कराया गया। परिणामस्वरूप गत पेराई-सत्र को सुरक्षित एवं निर्बाध रूप से सम्पन्न कराया जा सका।
उन्होने यह भी बताया कि चूँकि कोविड-19 के संक्रमण का खतरा अभी बना हुआ है, इसलिए वर्तमान परिस्थितियों में पेराई-सत्र 2021-22 का सुरक्षित संचालन चुनौतीपूर्ण है और इसके संक्रमण से बचने हेतु सुरक्षा प्रोटोकॉल एवं उपायों को अधिक प्रभावी रूप से लागू करना अनिवार्य है, जिससे प्रदेश के चीनी उद्योग से जुड़े कार्मिकों के साथ-साथ विभागीय कार्मिकों एवं लगभग 45 लाख गन्ना किसानों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ-साथ गन्ने की आपूर्ति एवं पेराई कार्य सतत रूप से चलते रहे।
गन्ना आयुक्त ने यह भी बताया कि कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने के दृष्टिगत चीनी मिलों के क्रयकेन्द्रों, कार्यालय परिसर, कैन्टीन आदि स्थलों पर हैंड सेनेटाइजेशन की व्यवस्था, कार्य स्थल पर मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी का पालन करने, प्रयोग की जाने वाली मशीनों एवं अन्य सामानों की साफ-सफाई व सेनेटाइजेशन तथा कार्मिकों के स्वास्थ्य के नियमित परीक्षण एवं आपातकालीन व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर कड़ाई से अनुपालन करने की अपेक्षा की गयी है।
सीजनल कर्मचारियों को पेराई-सत्र के संचालन हेतु बुलाने पर उनका शत-प्रतिशत स्वास्थ्य परीक्षण कराने तथा बीमार कर्मचारियों को आईसोलेट करने हेतु भी निर्देश दिये गये हैं। साथ ही गन्ना समिति कार्यालयों, चीनी मिल गेटों व क्रयकेन्द्रों पर सभी कार्मिकों को थर्मल स्क्रीनिंग कराने व पर्याप्त मात्रा में साबुन, पानी और सेनेटाइजर की व्यवस्था कराने हेतु चीनी मिलों व समितियों को भी निर्देशित किया गया है। गन्ना आयुक्त ने कोविड-19 से बचाव हेतु समस्त विभागीय अधिकारियों को यह दिशा-निर्देश भी दिये हैं कि व्यक्ति से व्यक्ति को होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए कार्य स्थल पर शारीरिक तापमान की निगरानी करते हुये सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाया जाए। एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए जाने वाली वस्तुएं फर्नीचर, मशीनों इत्यादि को भी विसंक्रमित कराया जाये। गन्ना आयुक्त ने हाथ, नाक, कान एवं मुँह के माध्यम से होने वाले संक्रमण से बचाव हेतु हाथों को बार-बार साबुन से धोना अथवा हैंड सेनेटाइजर से साफ करने तथा आँख, नाक, कान एवं मुँह को बार-बार छूने से बचने तथा खाँसते या छींकते समय रुमाल, नेपकीन या मास्क का उपयोग करने के लिए निर्देश दिये हैं।
गन्ना समिति अथवा चीनी मिल या विभाग से जुड़े अन्य कार्यालयों, जहां कई कार्मिक कार्य करते है एवं किसानों व कार्मिकों का बार-बार आना-जाना होता है, ऐसे स्थानों यथा-मिल गेट, क्रय केन्द्रों आदि पर सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए बैठकों में दो कार्मिकों के बीच न्यूनतम 02 गज की दूरी बनायी रखी जाए। कृषकों एवं आगन्तुकों से हॉथ न मिलाएं तथा गले न मिलें, पर्याप्त दूरी बनाकर हाथ जोड़कर यथोचित अभिवादन करें। शासकीय कार्यालयों, मिल कैन्टीन, फर्नीचर इत्यादि की रोज साफ-सफाई करायी जाये तथा किसी उचित रसायन से विसंक्रमित कराने के निर्देश भी दिये गये हैं।
गन्ना आयुक्त ने समस्त अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया है कि यथा संभव फिजिकल बैठक के स्थान पर वर्चुअल बैठके की जाए। कार्मिकों द्वारा उपयोग की जा रही एच.एच.सी. मशीन, कम्प्यूटर, की-बोर्ड, माउस आदि को कार्य समाप्ति पर सैनिटाइज अवश्य करें। कार्य क्षेत्र में स्थित चीनी मिलों, गन्ना समितियों, परिषदों एवं कार्यालय स्थलों पर कोविड-19 के संक्रमण से बचाव एवं इसके फैलाव को रोकने के दृष्टिगत स्वचालित सैनिटाइजेषन मषीनों, कोविड-19 के उपचार हेतु संस्तुत दवाइयों, एम्बुलेन्स, ऑक्सीमीटर, एवं पी.पी.ई. किट की पर्याप्त व्यवस्था रखने आदि के भी दिशा-निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये गये।
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