अनिल सिंह, बांदा
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में कांग्रेस के पूर्व विधायक दलजीत सिंह के आवास पर डीजियाना ग्रुप इंदौर से हुई साझीदारी के मामले में छापामार कार्रवाई हुई। यह कार्रवाई 48 घंटे तक चली। सब कुछ नंबर एक का पाए जाने पर जांच टीम वापस चली गई।
यह बात शनिवार को पूर्व विधायक दलजीत सिंह ने अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में डीजियाना ग्रुप इंदौर ने यहां 4 खदानें ली थीं। इसमें हमारे भाई दलजीत सिंह और सहयोगी मंगल सिंह पार्टनर थे। इसके एवज में हमारी ओर से कंपनी को पांच करोड़ रुपये खाते में भेजे गए थे। जो बालू खदान ली गई थी। उनमें बालू नहीं निकला। जिससे खदानें बीच में ही बंद हो गईं। इसलिए हमने डीजियाना कंपनी से अपना पैसा वापस मांगा था, लेकिन कंपनी द्वारा पैसा वापस नहीं दिया जा रहा था। कोई न कोई बहाना बनाकर टालमटोल किया जा रहा था। इस बीच जानकारी मिली है कि डीजियाना कंपनी इंदौर में छापामार कार्रवाई के दौरान हमारे द्वारा 5 करोड़ का लेनदेन का मामला सामने आया। इसकी जांच के लिए कानपुर की आयकर टीम परसों बांदा आई इनमें टीम के 7 लोग शामिल थे, बाकी पुलिस फोर्स के लोग थे।
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टीम ने मेरे आवास के अलावा पार्टनर मंगल सिंह के आवास पर भी छापामार कार्रवाई की। उन्होंने कंप्यूटर से लेकर आवास के तमाम संभावित ठिकानों पर खोजबीन की और लगभग साढ़े 8 लाख रुपये सीज किए। यह पैसा भी हमारे पेट्रोल पंप की रोज की बिक्री का था। उन्होंने इस बात से इन्कार किया कि यहां ईडी ने छापा मारा था। छापा मारने वाली आयकर कानपुर की टीम थी और यह टीम इंदौर की आयकर टीम के निर्देश पर काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि राजनीतिक कारणों से मेरे घर पर छापामार कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि 5 करोड़ रूपया कंपनी को दिया गया है। वह हमें वापस मिलना चाहिए, जो अभी तक नहीं मिला है।
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