पंकज मिश्रा, हमीरपुर
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में विधानसभा राठ की सीट पर कई बड़े दिग्गजों को जातीय समीकरणों के उलटफेर से तगड़ा झटका लगा है। बीजेपी के फायर ब्रांड नेता कल्याण सिंह को भी यहां क्षेत्र के लोधी मतों में बंटवारा होने के कारण शिकस्त मिली थी। लेकिन उनका मकसद जरूर पूरा हो गया था। राजनैतिक कारणों से बीजेपी को बाय-बाय कर उन्होंने अपनी अलग पार्टी भी बनाकर लोधी जाति के नए चेहरे पर दांव लगाया था लेकिन बीएसपी के सामने वह टिक नही सका। अबकी बार निर्णायक मतदाताओं पर फिर सभी प्रमुख दलों की नजरें है।
हमीरपुर जिले में राठ विधानसभा की सीट के चुनाव में दलीय प्रत्याशी जातीय रंग में रंग जाते है। खासकर सर्वाधिक लोधी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने वाले प्रत्याशियों की चुनावी अंकगणित एन वक्त पर फेल हो जाती है। पिछले विधानसभा चुनाव में लोधी मतदाताओं की एकजुटता से बीजेपी ने यहां की सीट कांग्रेस से छीनी थी लेकिन अबकी बार बीजेपी के गढ़ में अखिलेश यादव की साइकिल को रफ्तार मिलने से मौजूदा महिला एमएलए भी चिंतित हैं। राजनीति से जुड़े लोगों का कहना है कि राठ विधानसभा सीट पर बीजेपी पुराने चेहरे पर ही दांव लगाएगी।
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मौजूदा महिला एमएलए दलित बिरादरी से ताल्लुक रखती हैं। जिनकी अपनी बिरादरी के अलावा लोधी मतदाताओं पर भी अच्छा प्रभाव है। इन्होंने जिला पंचायत की कुर्सी पर लोधी बिरादरी की महिला को बैठाने के लिए किंग मेकर की भूमिका अदा की थी। अब यह दोनों महिलाएं विधानसभा की सीट पर कमल खिलाने के लिए गांव-गांव तक अपनी पहुंच बना रही है। इधर कांग्रेस छोड़ कुछ माह पहले एसपी में शामिल हुए गयादीन अनुरागी एक बार फिर राठ विधानसभा की सीट पर कब्जा करने के लिए तैयारी की है।
बीजेपी को हराने के लिए कल्याण सिंह ने बनाई थी राक्रांपा
प्रदेश के पूर्व सीएम कल्याण सिंह सूबे के लोधी बिरादरी के लिए सबसे प्रिय नेता रहे हैं। उनके शासनकाल में भी लोग बेहद खुश थे। चाहे कानून व्यवस्था का मामला हो या विकास का। उन्होंने हर स्तर पर बड़े फैसले लिए थे। कांग्रेस के पुराने जमीनी कार्यकर्ता संजय वीर सिंह ने बताया कि राजनैतिक कारणों से कल्याण सिंह ने बीजेपी छोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाई थी। राक्रांपा गठित कर उन्होंने वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा था। राठ विधानसभा क्षेत्र से फूल सिंह लोधी को राक्रांपा से टिकट दिया था। लेकिन पार्टी प्रत्याशी को बीएसपी के ध्रूराम लोधी से पराजय का सामना करना पड़ा था। हालांकि कल्याण सिंह बीजेपी को सबक सिखाने में सफल रहे थे।
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राठ विधानसभा क्षेत्र से कल्याण सिंह का रहा रहा गहरा लगाव
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण सिंह ने बताया कि कल्याण सिंह से इस क्षेत्र का पूरा लोधी जुड़ा था। डिमांड करने पर कल्याण सिंह ने मौदहा बांध का नाम स्वामी ब्रम्हानंद रखा था। क्षेत्र के लोगों को बड़ी-बड़ी सौगातें भी मिली थी। इसीलिए जब कल्याण सिंह यहां आए थे तब एसडीएम कोर्ट के सामने मैदान में आयोजित सभा में उनका सभी लोगों की मदद से 72 किलो चांदी के सिक्के से तुलादान किया गया था। अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद यहां समूचे क्षेत्र में कल्याण सिंह का जगह-जगह स्वागत किया गया था। संजय सिंह वीर ने बताया कि वर्ष 2002 में कल्याण सिंह राठ कस्बा आए थे तब फूल सिंह के घर जाकर उनके नाती को दुलारते हुए बातें की थी। उन्हें क्षेत्र में भी सम्मान मिला था।
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