ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से समृद्ध फर्रुखाबाद के युवाओं ने खेल सुविधाओं, रोजगार और शिक्षा का मसला उठाया। चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ युवाओं के बीच पहुंचा तो खिलाड़ियों ने खुलकर अपनी बात रखी। कहा कि सरकार को जिले स्तर पर खेल की सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है। स्टेडियम में कोच की कमी है। कई खेल के खिलाड़ियों को कोई सुविधा नहीं मिलती है। युवाओं ने बेहतर शिक्षण संस्थान, शिक्षकों और रोजगार की कमी का भी मुद्दा उठाया। हालांकि, महिला सुरक्षा, बिजली व्यवस्था को लेकर ज्यादातर युवा मौजूदा सरकार से खुश दिखे। पढ़िए युवाओं ने क्या कहा?
अंतरराष्ट्रीय शूटर अनिल पाल ने कहा कि फर्रुखाबाद में खेल की कोई सुविधा नहीं है। यहां के जनप्रतिनिधियों ने खेल पर कोई ध्यान नहीं दिया। खेलो इंडिया और फिट इंडिया जैसी योजनाएं सरकार ने अच्छी चलाई है, लेकिन उसका फायदा स्थानीय खिलाड़ियों को नहीं मिलता है।
शूटिंग खिलाड़ी आरती चतुर्वेदी ने कहा कि चुनाव के वक्त नेता वोट मांगते हैं, लेकिन बाद में कोई विकास कार्य नहीं होता है। पहले के मुकाबले भी कुछ नहीं हुआ है। शिवम द्विवेदी ने अनिल और आरती की बातों को खारिज किया। कहा कि पहले यहां स्टेडियम में असमाजिक तत्व कूदकर चले आते थे। खिलाड़ियों को परेशान करते थे। अब ये सब बंद हो गया है। पूरे जिले में विकास कार्य हो रहे हैं। पुल बन रहा है। दो और पुल प्रस्तावित है। सरकार की कई योजनाओं का लोग फायदा उठा रहे हैं। सड़कें बेहतर हुई हैं।
एक अन्य खिलाड़ी ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में कोच की कमी है। जो हैं, उनका वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। सरकार से कहना चाहता हूं कि हमें सुविधाएं चाहिए। छोटे स्तर के खिलाड़ियों को आगे बढ़ाइए। राजस्थान, हरियाणा, पंजाब में प्रतिनिधि और अफसर खिलाड़ियों को आगे बढ़ाते हैं। यहां कोई नहीं पूछता है।
आर्यन राजपूत ने कहा कि पहले के मुकाबले कुछ बदलाव नहीं आया है। केवल एक ही ग्राउंड है। यहां एथलीट के लिए कम से कम सिंथेटिक ग्राउंड होना चाहिए। सड़कें बहुत खराब है।
एमए की चुकी छात्रा ने कहा कि महिला सुरक्षा के मामले में काफी कमी है। पुलिस कोई सपोर्ट नहीं करती है। कोई सुधार नहीं हुआ है। रेप की घटनाएं बढ़ी हैं। इससे डर का माहौल है। अनुज ने कहा कि सपा सरकार में जीजीआईसी में बच्चियों के साथ छेड़खानी होती थी। हर स्कूल-कॉलेज के बाहर बदमाश बैठे रहते थे। आज इन सब पर लगाम लगी है। इस सरकार में बहुत सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हुई है। आज काफी घटनाएं कम हुई हैं।
रजनीश मिश्रा ने कहा कि पहले महिलाएं, बेटियां बाहर नहीं निकल पाती थी। आज उत्तर प्रदेश में गुंडाराज काफी कंट्रोल हुआ है। पारिया पठान ने कहा कि महिला सुरक्षा में बेहतर काम हुआ है। बेटियों को ताइक्वांडो सिखाया जाता है। यहां स्टेडियम में कोई सुविधा नहीं है। वेट रनिंग की सुविधा नहीं है।
आकाश तिवारी ने कहा कि पहले सपा सरकार के मुखिया कहते थे कि बेटों से गलती हो जाती है। आज ऐसे गुंडे बदमाश जेल में हैं। हर थाने में महिला डेस्क है। तुरंत सुनवाई होती है। यूपी में भ्रष्टाचार, अत्याचार बहुत ज्यादा था, लेकिन अब ये नहीं है। शबनम, अंजली ने कहा कि हमें बाहर निकलने में कोई डर नहीं लगता है। सुरक्षित महसूस करते हैं।
शिक्षा, रोजगार और विकास पर क्या बोले?
सोनू कुमार ने कहा कि इलेक्शन के समय ही रोड सही होता है। केवल एक पुल बना है। लगभग दो साल हो गया है, लेकिन अभी तक तैयार नहीं हो पाया है। अभय सिंह ने कहा कि सरकार पैसा भेजती है, लेकिन ठेकेदार खा जाते हैं।
पूर्वी पुष्पा ने कहा कि महिलाओं के लिए कोई अच्छा कॉलेज नहीं है। स्कूल भी बेहतर नहीं है। अगर अच्छी एजुकेशन चाहिए तो दिल्ली या देहरादून जाना पड़ता है।
ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से समृद्ध फर्रुखाबाद के युवाओं ने खेल सुविधाओं, रोजगार और शिक्षा का मसला उठाया। चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ युवाओं के बीच पहुंचा तो खिलाड़ियों ने खुलकर अपनी बात रखी। कहा कि सरकार को जिले स्तर पर खेल की सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है। स्टेडियम में कोच की कमी है। कई खेल के खिलाड़ियों को कोई सुविधा नहीं मिलती है। युवाओं ने बेहतर शिक्षण संस्थान, शिक्षकों और रोजगार की कमी का भी मुद्दा उठाया। हालांकि, महिला सुरक्षा, बिजली व्यवस्था को लेकर ज्यादातर युवा मौजूदा सरकार से खुश दिखे। पढ़िए युवाओं ने क्या कहा?
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