लू की खेती के लिए प्रसिद्ध फर्रुखाबाद का ऐतिहासिक महत्व काफी अधिक है। यहां कम्पिल तीर्थ क्षेत्र है तो बौद्ध के प्राचीन अवशेषों को संजोए संकिसा भी है। ऐसे खास जिले में कुल वोटर्स की संख्या 13.42 लाख से ज्यादा है। पिछले चुनाव में यहां 59.6% लोगों ने वोट डाले थे। सभी चार विधानसभा सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों की जीत हुई थी। अब अगले साल फिर से यहां विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में इस बार चुनाव को लेकर आम लोगों की क्या राय है?
क्या भाजपा की सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरी है? आम लोगों के लिए मुद्दे क्या होंगे? युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सरकार की किन फैसलों से खुश हैं और किनसे नाराज? इन सवालों का जवाब जानने के लिए कल यानी रविवार को चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ आज (रविवार को) फर्रुखाबाद पहुंचेगा।
युवाओं की बात से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में महिलाओं और प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं से बातचीत होगी। आप भी ‘ के इस मंच से जुड़ सकते हैं। इसके जरिए आप अपने क्षेत्र, शहर, राज्य और देश के हर मुद्दों को उठा पाएंगे। आप बता पाएंगे कि आने वाले चुनाव में नेताओं और राजनीतिक दलों से आपको क्या उम्मीदें हैं? किन मसलों को लेकर आप वोट करेंगे और नेताओं से आप क्या चाहते हैं?
अब तक इन जिलों में हुआ कार्यक्रम
अब तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नौ जिलों में यह कार्यक्रम हो चुका है। गाजियाबाद से शुरू हुआ ‘सत्ता का संग्राम’ मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर होते हुए हरदोई पहुंचा है। अब अगला पड़ाव फर्रुखाबाद है।
‘सत्ता का संग्राम’ में क्या होगा खास?
चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ के तहत हर वर्ग के मतदाताओं तक पहुंचेगा। महिलाओं-युवाओं से संवाद होगा और राजनीतिक हस्तियों से सीधे सवाल पूछे जाएंगे। आपको एक मंच दे रहा है, जहां आप बातों को रख सकेंगे, ताकि जब राजनीतिक हस्तियां चुनावी रैलियां करने आएं तो उन्हें आपसे जुड़े जमीनी मुद्दे भी याद रहें।
विशेष प्रोत्साहन की व्यवस्था
‘सत्ता का संग्राम’ से जुड़े कार्यक्रमों में जमीनी स्तर पर हिस्सा लेने वाले दर्शकों और श्रोताओं के लिए विशेष प्रोत्साहन की भी व्यवस्था की गई है।
आलू की खेती के लिए प्रसिद्ध फर्रुखाबाद का ऐतिहासिक महत्व काफी अधिक है। यहां कम्पिल तीर्थ क्षेत्र है तो बौद्ध के प्राचीन अवशेषों को संजोए संकिसा भी है। ऐसे खास जिले में कुल वोटर्स की संख्या 13.42 लाख से ज्यादा है। पिछले चुनाव में यहां 59.6% लोगों ने वोट डाले थे। सभी चार विधानसभा सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों की जीत हुई थी। अब अगले साल फिर से यहां विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में इस बार चुनाव को लेकर आम लोगों की क्या राय है?
क्या भाजपा की सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरी है? आम लोगों के लिए मुद्दे क्या होंगे? युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सरकार की किन फैसलों से खुश हैं और किनसे नाराज? इन सवालों का जवाब जानने के लिए कल यानी रविवार को चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ आज (रविवार को) फर्रुखाबाद पहुंचेगा।
युवाओं की बात से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में महिलाओं और प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं से बातचीत होगी। आप भी ‘ के इस मंच से जुड़ सकते हैं। इसके जरिए आप अपने क्षेत्र, शहर, राज्य और देश के हर मुद्दों को उठा पाएंगे। आप बता पाएंगे कि आने वाले चुनाव में नेताओं और राजनीतिक दलों से आपको क्या उम्मीदें हैं? किन मसलों को लेकर आप वोट करेंगे और नेताओं से आप क्या चाहते हैं?
अब तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नौ जिलों में यह कार्यक्रम हो चुका है। गाजियाबाद से शुरू हुआ ‘सत्ता का संग्राम’ मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर होते हुए हरदोई पहुंचा है। अब अगला पड़ाव फर्रुखाबाद है।
चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ के तहत हर वर्ग के मतदाताओं तक पहुंचेगा। महिलाओं-युवाओं से संवाद होगा और राजनीतिक हस्तियों से सीधे सवाल पूछे जाएंगे। आपको एक मंच दे रहा है, जहां आप बातों को रख सकेंगे, ताकि जब राजनीतिक हस्तियां चुनावी रैलियां करने आएं तो उन्हें आपसे जुड़े जमीनी मुद्दे भी याद रहें।
विशेष प्रोत्साहन की व्यवस्था
‘सत्ता का संग्राम’ से जुड़े कार्यक्रमों में जमीनी स्तर पर हिस्सा लेने वाले दर्शकों और श्रोताओं के लिए विशेष प्रोत्साहन की भी व्यवस्था की गई है।
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