हाइलाइट्सलखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के खिलाफ कार्रवाई की मांगआंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजन को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की भी मांगवरूण गांधी ने कहा- एमएसपी का निर्धारण सी2 प्लस 50 प्रतिशत फार्मूले के आधार पर होलखनऊ
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखकर न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी (MSP) पर कानून बनाने की मांग की है। अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि किसानों के अन्य मुद्दों पर भी बात होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने लखीमपुर में हुई हिंसा मामले में दोषियों पर तत्काल कार्रवाई करने की भी मांग की है।
वरुण गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा है- ‘तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा का मैं स्वागत करता हूँ। मेरा विनम्र निवेदन है कि एमएसपी पर कानून बनाने की मांग व अन्य मुद्दों पर भी अब तत्काल निर्णय होना चाहिए, जिससे किसान भाई आंदोलन समाप्त कर ससम्मान घर लौट जाएं। इस आंदोलन में अब तक 700 किसानों की मौत हो चुकी है।’ वरुण ने कृषि कानून वापसी में देरी पर सरकार पर निशाना भी साधा है। उन्होंने लिखा है कि मेरा मानना है अगर यह फैसला पहले ले लिया जाता तो इतनी जनहानि नहीं होती।
लखीमपुर खीरी के दोषी पर कार्रवाई की मांग
अपने पत्र में उन्होंने आगे लिखा है कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर तत्काल फैसला लेना चाहिए ताकि किसान अपने घर लौट सकें। उन्होंने उन किसानों के लिए एक-एक करोड़ रुपए मुआवजे की मांग की जिनकी मौत किसान आंदोलन के दौरान हुई थी, ताकि उनका परिवार अपना जीवन गुजार सके। उन्होंने लखीमपुर में हुई हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री पर तत्काल कार्रवाई करने की भी मांग की है।
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को हृदय विदारक और लोकतंत्र पर काला धब्बा बताते हुए पीलीभीत सांसद वरुण गांधी ने यह भी मांग की है कि इस मामले की तत्काल निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए और एक केंद्रीय मंत्री समेत इसके दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
एमएसपी सी2 प्लस 50 प्रतिशत फार्मूले मिले
वरुण ने कहा, ‘यह आंदोलन इस मांग के निस्तारण के बिना समाप्त नहीं होगा और किसानों में एक व्यापक रोष बना रहेगा, जो किसी न किसी रूप में सामने आता रहेगा। अतः किसानों को फसलों की एमएसपी की वैधानिक गारंटी मिलना अत्यंत आवश्यक है। सरकार को राष्ट्रहित में इस मांग को भी तत्काल मान लेना चाहिए। इससे, किसानों को एक बहुत बड़ा आर्थिक सुरक्षा चक्र मिल जाएगा और उनकी स्थिति में व्यापक सुधार होगा। एमएसपी का निर्धारण कृषि लागत मूल्य आयोग के ‘सी2 प्लस 50 प्रतिशत फार्मूले’ के आधार पर होनी चाहिए।’
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उन्होंने आंदोलनकारियों पर दर्ज ‘फर्जी मुकदमों’ को भी वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘मेरा विश्वास है कि किसानों की उपरोक्त अन्य मांगों को मांग लेने, लखीमपुर खीरी की घटना में न्याय का मार्ग प्रशस्त करने से आपका सम्मान देश में और बढ़ जाएगा। मुझे आशा है कि इस विषय में भी आप ठोस निर्णय लेंगे।’
ज्ञात हो कि इन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले लगभग एक साल से राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर खासकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान आंदोलन कर रहे हैं। तीनों कानूनों को निरस्त करने की घोषणा का स्वागत करते हुए किसान संगठनों ने भी एमएसपी के लिए कानून बनाने, आंदोलन में मारे गए किसानों के लिए मुआवजे सहित कुछ अन्य मांगे रखी हैं।
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