देव दीपावली की रात शिव की नगरी का नजारा देवलोक का आभास कराएगा। घाट, कुंड, गलियां, चौबारे और घर की चौखट दीयों की रौशनी से जगमग होगी। अस्सी से राजघाट तक 84 घाटों के बीच 22 से अधिक जगहों पर गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा। शहर से लेकर गांव, घाट और नदियों के किनारों को रौशनी से सजाने की तैयारियां चल रही हैं। चेतसिंह घाट, राजघाट पर लेजर दिखाया जाएगा। साथ ही गंगा घाट 15 लाख दीयों से जगमग होंगे।
उत्तरवाहिनी गंगा के तट से लेकर वरुणा के किनारे दीपमालिकाओं की मणिमाला से रौशन होंगे। दीपों से सजी भव्य रंगोलियों की अनगिनत शृंखलाएं चौरासी गंगा घाटों पर आकर्षण का केंद्र होंगी। इसमें अस्सी, भदैनी, तुलसीघाट, शिवाला, हरिश्चंद्र, शंकराचार्य घाट, दशाश्वमेध, अहिल्याबाई, ललिताघाट, पंचगंगा घाट, सिंधिया घाट, मणिकर्णिका घाट प्रमुख हैं।
भगवान विश्वेश्वर की नगरी में कन्याएं पहली बार मां गंगा की महाआरती उतारेंगी। गंगोत्री सेवा समिति की ओर गंगा आरती के इतिहास में पहली बार पांच कन्याएं आरती करेंगी। काशी के विद्वानों की सहमति के बाद यह निर्णय लिया गया है। पांच कन्याओं के अलावा 21 बटुक और 42 रिद्धि-सिद्धि महाआरती में शामिल होंगी।
काशी की गंगा आरती तो देश भर में प्रसिद्ध है, लेकिन इस बार देव दीपावली पर आरती का नजारा अद्भुत होगा। गंगोत्री सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पं. किशोरी रमन दुबे ने बताया कि प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर महाआरती का आयोजन किया जा रहा है। मां गंगा का 151 लीटर दूध से अभिषेक होगा और असंख्य दीप दान किया जाएगा। वहीं घाट पर 11 हजार दीप जलाए जाएंगे और विद्युत झालर व फूलों से भव्य सजावट की जाएगी। 108 किलो अष्ट धातु की मां गंगा की चल प्रतिमा का 108 किलो फूल से महाशृंगार किया जाएगा।
तैयार हो रहा इंडिया गेट, 51 कन्याएं उतारेंगी आरती
गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि दशाश्वमेध घाट पर महाआरती का आयोजन किया जा रहा है। शहीदों की याद में इंडिया गेट की रेप्लिका का भी निर्माण कराया जा रहा है। राष्ट्र के अमर योद्धाओं को समर्पित आरती में एक संकल्प गंगा किनारे के माध्यम से लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाई जाएगी। देव दीपावली पर मां गंगा की महाआरती में नारी शक्ति की अद्भुत तस्वीर भी देखने को मिलेगी। इस वर्ष भव्य देव दीपावली के अवसर पर आयोजित होने वाली भव्य महाआरती का प्रारंभ 51 कन्याओं द्वारा मां गंगा की आरती से किया जाएगा।
शहीद सैनिकों को भागीरथी शौर्य सम्मान और परिजनों को 51-51 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। देव दीपावली के मुख्य अतिथि गंगा टास्क फोर्स के लेफ्टिनेंट जनरल राना और विशिष्ट अतिथि अनुराधा पौडवाल होंगी। 21 ब्राह्मणों द्वारा भगवती मां गंगा का वैदिक रीति से पूजन किया जायेगा। राम जन्म योगी द्वारा शंखनाद किया जाएगा। गंगा सेवा निधि के 21 ब्राह्मण, दुर्गा चरण इंटर कॉलेज की 42 कन्याएं रिद्धि-सिद्धि के रूप में ब्राह्मणों के साथ होंगी। श्री काशी विश्वनाथ डमरु दल के पांच स्वयं सेवकों द्वारा मां भगवती की भव्य महाआरती आरंभ होगी एवं 51 हजार दीपों से घाट व घाटों के भवनों का कोना-कोना जगमग हो उठेगा।
देव दीपावली की रात शिव की नगरी का नजारा देवलोक का आभास कराएगा। घाट, कुंड, गलियां, चौबारे और घर की चौखट दीयों की रौशनी से जगमग होगी। अस्सी से राजघाट तक 84 घाटों के बीच 22 से अधिक जगहों पर गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा। शहर से लेकर गांव, घाट और नदियों के किनारों को रौशनी से सजाने की तैयारियां चल रही हैं। चेतसिंह घाट, राजघाट पर लेजर दिखाया जाएगा। साथ ही गंगा घाट 15 लाख दीयों से जगमग होंगे।
उत्तरवाहिनी गंगा के तट से लेकर वरुणा के किनारे दीपमालिकाओं की मणिमाला से रौशन होंगे। दीपों से सजी भव्य रंगोलियों की अनगिनत शृंखलाएं चौरासी गंगा घाटों पर आकर्षण का केंद्र होंगी। इसमें अस्सी, भदैनी, तुलसीघाट, शिवाला, हरिश्चंद्र, शंकराचार्य घाट, दशाश्वमेध, अहिल्याबाई, ललिताघाट, पंचगंगा घाट, सिंधिया घाट, मणिकर्णिका घाट प्रमुख हैं।
भगवान विश्वेश्वर की नगरी में कन्याएं पहली बार मां गंगा की महाआरती उतारेंगी। गंगोत्री सेवा समिति की ओर गंगा आरती के इतिहास में पहली बार पांच कन्याएं आरती करेंगी। काशी के विद्वानों की सहमति के बाद यह निर्णय लिया गया है। पांच कन्याओं के अलावा 21 बटुक और 42 रिद्धि-सिद्धि महाआरती में शामिल होंगी।
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