लंबे समय से बंद चल रहे कतर्निया का द्वार सोमवार 15 नवंबर से खोल दिया जाएगा। आने वाले पर्यटकों के स्वागत के लिए कतर्नियाघाट सजकर तैयार है। वन विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। कतर्नियाघाट के जंगल की मनोरम छटा को पर्यटक निहार सकेंगे। कतर्नियाघाट में पाए जाने वाले दुर्लभ वन्यजीवों के अलावा घने वनों का सौंदर्य भी पर्यटकों को अपनी ओर को आकर्षित करेगा। इस बार वन विभाग की ओर से नए नियम भी लागू किये गए हैं।
कोरोना काल के कारण कतर्नियाघाट का जंगल काफी दिनों से बंद चल रहा था। अब यह इंतजार सोमवार से खत्म हो गया। 551 वर्ग किलोमीटर में फैले कतर्नियाघाट के जंगल का अब सैलानी सैर सपाटा कर सकेंगे। पर्यटक मगरमच्छ व घड़ियाल की अटखेलियां, डॉल्फिन की उछलकूद, चीतल की शरारत व पक्षियों की चहचहाहट का भरपूर आनंद ले सकेंगे। जंगल में पाए जाने वाले वन्यजीव बाघ, तेंदुआ, गैंडा, हाथी, चीतल, बारासिंघा, नीलगाय व जलीय जीवों में मगरमच्छ, घड़ियाल, गैंगेटिक डॉल्फिन, कछुआ और पक्षियों में गिद्ध, नीलकंठ, बगुला, सुर्खाब, लालसर, नीलसर, हंस, कौआरी पर्यटकों को रोमांचित करेंगे।
पर्यटकों के सैर सपाटे के लिए है यह सुविधा
कतर्नियाघाट में आने वाले पर्यटकों को अपने वाहनों से घूमने पर पाबंदी है। पर्यटकों के लिए जंगल सफारी के लिए इस बार विभाग द्वारा करीब दो दर्जन जिप्सी की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही बोटिंग के लिए तीन मोटरबोट हैं। जिसमें एक न्यूजीलैंड की बोट भी है । इसके अलावा पर्यटक अपनी इच्छा अनुसार हथिनी जयमाला और चंपाकली की सवारी भी कर सकते हैं।
गुदगुदी का पेड़ पर्यटकों को करता है रोमांचित
कतर्नियाघाट जंगल आने वाले पर्यटकों में गुदगुदी के पेड़ की भी खूब चर्चा रहती है। पर्यटक इस पेड़ को सहलाते हुए एक सेल्फी फोटो जरूर लेना पसंद करते हैं। लोगों का मानना है कि इस पेड़ को सहलाने से इसकी टहनियां हरकत करती हैं। इसे वायब्रेट ट्री भी कहा जाता है । कतर्नियाघाट में इस पेड़ की संख्या तीन है।
पर्यटकों के ठहरने की ये है सुविधा
कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार की सैर करने आने वाले पर्यटकों के लिए वन निगम के थारू हटों के साथ कतर्नियाघाट जंगल से घिरे थाना सुजौली क्षेत्र की आबादी में सात अलग-अलग जगहों पर होम स्टे की सुविधा है। आंबा गेरुआ नदी के सामने दो, कारीकोट के जमुनिहा में एक, राजेंद्रसिंह पुरवा में एक, चहलवा व मटेही में एक-एक होम स्टे की व्यवस्था है। जिसमें पर्यटकों की सुविधा के लिए कई कक्ष बनाए गए हैं। इन सभी की बुकिंग ईको टूरिज्म के ऑफिसियल वेबसाइट व निजी फोन नंबर पर कराई जा सकती है।
मोतीपुर बैरियर पर कटेगी पर्ची
कतर्निया जंगल का सैर करने के लिए आने वाले सैलानियों को अब मोतीपुर बैरियर पर ही पर्ची कटवानी होगी। रास्ते में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स (एसटीपीएस) चेकिंग व गश्त करती रही। नियमों के विपरीत कार्य करने पर वन विभाग द्वारा नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी। ईको विकास समिति द्वारा संचालित कैंटीन में इस बार नये अंदाज में व्यवस्था की गई है। जिससे पर्यटकों को काफी सुविधाएं मिलेंगी।
यह है नया नियम
– मोतीपुर बैरियर पर कटवानी होगी पर्ची।
– एक व्यक्ति का सौ रुपये व एक चार चक्का वाहन का 300 रुपये पड़ेगा शुल्क।
– स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स (एसटीपीएस) करेगी रास्ते में चेकिंग व गश्त
– शराब व शस्त्र मिलने पर होगी कार्रवाई।
– ईको विकास समिति द्वारा संचालित कैंटीन में रहेगी हाईटेक व्यवस्थाएं।
अपने साथ कतर्निया की याद ले जाएंगे सैलानी
देश-विदेश से सैर सपाटा करने के लिए आने वाले पर्यटकों के स्वागत में 15 नवबंर से कतर्निया खोल दिया जाएगा। इस बार पर्यटक थारू व्यंजन का स्वाद व नृत्य का भी आनंद ले सकेंगे। वह अपने साथ कतर्निया व बहराइच जिले की याद लेकर जाएंगे। इसके लिए नेचर शॉप पर थारू समाज द्वारा बनाई कलाकृतियां, जनसमूह द्वारा तैयार की गई मशरूम व अन्य सामान और गेहूं के डंठल से उकेरे गए चित्रों को रखवाया जाएगा। जिसे पर्यटक खरीदकर ले जा सकेंगे।
-आकाशदीप बथावन, डीएफओ
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