कासगंज पुलिस हिरासत में अल्ताफ की मौत के मामले के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीति गरमाने लगी है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा है कि क्या उत्तर प्रदेश में मानव अधिकार नाम की कोई चीज बची है। वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके पुलिस कस्टडी में मौत की घटनाओं पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि पुलिस कस्टडी में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि अब प्रदेश में रक्षक ही भक्षक बन चुके हैं। उत्तर प्रदेश में पुलिस हिरासत में मौत का आंकड़ा सबसे ऊंचा है। भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुकी है।
बसपा की मुखिया ने सरकार को बताया विफल
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि कासगंज पुलिस की कस्टडी में एक और युवक की मौत अति दुखद एवं शर्मनाक है। सरकार की ओर से घटना की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा दी जाए और पीड़ित परिवार की मदद की जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में मौत रोकने और पुलिस को जनता की रक्षक बनाने में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरी तरह से विफल साबित हो रही है, यह चिंता की बात है।
ओवैसी ने हिरासत में अल्ताफ की आत्महत्या पर उठाए सवाल
ओवैसी ने ट्वीट किया कि शौचालय के नल में डोरी लगाकर कोई कैसे आत्महत्या कर सकता है? उन्होंने मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किए जाने की मांग की है। इसके अलावा अल्ताफ के परिवार को मुआवजा देने की मांग भी उठाई है।
हालांकि परिजनों ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका बेटा तनाव में था, इसीलिए फांसी लगाकर जान दे दी। मृतक अल्ताफ के पिता चांद मियां ने पुलिस को यह लिखकर दिया कि वह नगला सैय्यद अहरौली के रहने वाले हैं। बीती 9 नवंबर को बेटा अल्ताफ को एक मुकदमे में पूछताछ के संबंध में थाना कासगंज पुलिस लेकर गई थी। जहां मेरा बेटा तनाव में था और उसने फांसी लगा ली। बेटे को पुलिसकर्मी इलाज के लिए अस्पताल ले गए, जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। पिता ने पुलिस को बताया है कि घटना के बाद से वह बेहद परेशान थे, लेकिन अब स्थिति स्पष्ट हुई है कि उनके बेटे ने आत्महत्या की है। पिता के द्वारा दिए गए पत्र की पुष्टि एसपी रोहन प्रमोद बौत्रे ने की।
पिता के पत्र ने दिए सभी सवालों के उत्तर
मंगलवार देर रात तक परिजनों द्वारा पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया जा रहा था। तरह-तरह के सवार उठ रहे थे, लेकिन अब पिता के ही पत्र ने सभी सवालों के उत्तर दे दिए हैं। जिससे अब पुलिस ने भी राहत की सांस ली है।
मंगलवार को सायं सदर कोतवाली में हवालात में आरोपी द्वारा फांसी लगाये जाने की घटना की प्रशासन जांच कराएगा। डीएम ने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। पटियाली एसडीएम को जांच अधिकारी नामित किया है। डीएम ने परिजनों को पूरा भरोसा दिया है कि उनकी हर संभव मदद की जायेगी। डीएम ने यह भी भरोसा दिया है कि प्रयास किया जाएगा कि योग्यता के आधार पर परिवार के सदस्य को किसी विभाग में संविदा पर नौकरी दी जाए।
पोस्टमार्टम में आत्महत्या ही निकला कारण
पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को मिल गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है कि युवक ने रस्सी से फंदा लगाकर आत्महत्या की। रिपोर्ट में हैंगिंग स्पष्ट हुई है।
हवालात में मौत का मामला: पिता ने पुलिस को दिया बयान, कहा-तानव में था मेरा बेटा इसलिए कर ली आत्महत्या
कासगंज पुलिस हिरासत में अल्ताफ की मौत के मामले के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीति गरमाने लगी है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा है कि क्या उत्तर प्रदेश में मानव अधिकार नाम की कोई चीज बची है। वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके पुलिस कस्टडी में मौत की घटनाओं पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि पुलिस कस्टडी में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि अब प्रदेश में रक्षक ही भक्षक बन चुके हैं। उत्तर प्रदेश में पुलिस हिरासत में मौत का आंकड़ा सबसे ऊंचा है। भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुकी है।
बसपा की मुखिया ने सरकार को बताया विफल
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि कासगंज पुलिस की कस्टडी में एक और युवक की मौत अति दुखद एवं शर्मनाक है। सरकार की ओर से घटना की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा दी जाए और पीड़ित परिवार की मदद की जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में मौत रोकने और पुलिस को जनता की रक्षक बनाने में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरी तरह से विफल साबित हो रही है, यह चिंता की बात है।
ओवैसी ने हिरासत में अल्ताफ की आत्महत्या पर उठाए सवाल
ओवैसी ने ट्वीट किया कि शौचालय के नल में डोरी लगाकर कोई कैसे आत्महत्या कर सकता है? उन्होंने मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किए जाने की मांग की है। इसके अलावा अल्ताफ के परिवार को मुआवजा देने की मांग भी उठाई है।
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