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Varanasi News: अल्लामा इकबाल की तस्वीर ने मचा दिया बवाल, परिषद ने की कार्यक्रम के पूरे फुटेज सार्वजनिक करने की मांग

अभिषेक झा, वाराणसी
उर्दू दिवस पर बीएचयू के उर्दू विभाग की ओर से आयोजित वेबिनार में पंडित मदन मोहन मालवीय की जगह अल्लामा इकबाल की तस्वीर के मुद्दे का एक ऑडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है । 21 सेकेंड के इस ऑडियो में जो बातें कही गई हैं, वह कहीं न कहीं राजनीतिक तकरीर का एक हिस्सा लगती है।

ऑडियो में पीएम मोदी के उस बयान पर निशाना साधा जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंसा करने वालों को आप उनके कपड़ों से पहचान सकते हैं। झारखंड चुनाव में दिए गए इस बयान पर अब वेबिनार में इस पर चर्चा अब बीएचयू में नए विवाद का विषय बन गया है। इस मामले को लेकर अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने वेबिनार का पूरा वीडियो जारी करने की मांग की है।

एक समुदाय के खिलाफ माहौल बनाने का आरोप
उर्दू दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बीएचयू के उर्दू विभाग के प्रोफेसरों के साथ देश के अन्य विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर ने भी इस वेबिनार में शिरकत की थी। उर्दू दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम के लिए एक इनविटेशन लैटर बनाया गया था। जिस पर महामना की जगज वैचारिक स्तर पर विवादित शायर अल्लामा इकबाल की तस्वीर लगी थी। इनविटेशन के वायरल होते ही छात्रों ने इसे निशाने पर ले लिया। जिसके बाद विभाग के डीन ने माफी मांगते हुए तस्वीर हटा ली थी।

मामला बढ़ते देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने 3 सदस्यीय जांच कमेटी भी बैठा दी है। जिसे 3 दिनों में अपनी रिपोर्ट देनी है। अब इस मामले में एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक वक्ता पीएम मोदी के बयान पर निशाना साधते हुए सुने जा सकते हैं। अब इस ऑडियो के बहाने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कूद गई है। परिषद के सदस्यों ने बुधवार को प्रभारी कुलपति ( रेक्टर ) वीके शुक्ला से मिल कर उच्च स्तरीय जांच की मांग की और वेबिनार में सभी वक्ताओं की पूरी वीडियो को सर्वजनिक करने की मांग की।

छात्रों के बड़े आंदोलन की चेतावनी परिसर में लगे पोस्टर
अल्लामा इकबाल तस्वीर मामले के बाद अब छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीएचयू के आर्ट्स फैकल्टी विभाग में छात्रों ने लगातार एक समुदाय विशेष और देश के खिलाफ मामलों को उठाते हुए पोस्टरबाजी शुरू कर दी है।

आर्ट्स फैकल्टी के बाहर छात्रों ने पोस्टर लगा कर सवाल उठाए हैं कि लगातार प्रोफेसरों द्वारा कभी भारत का मानचित्र गलत दिखाया जाता है तो कभी श्रीराम का अपमान किया जाता है और अब पाकिस्तान बनाने के समर्थक की तस्वीर लगाकर कार्ययक्रम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन इन घटनाओं के बाद सिर्फ कमेटी बना कर खानापूर्ति कर दी जाती है। सावरकर विचार मंच की ओर से लगाए गए इन पोस्टर के बाद निश्चित रूप से बीएचयू के माहौल राजनैतिक रूप से गरमा सकता है।