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बटेश्वर पशु मेला: डीपू गधा खाता है काजू-बादाम, कीमत जानकर रह जाएंगे हैरान

कन्नौज के सलमान अपने डीपू गधे को बटेश्वर मेले में लेकर पहुंचे हैं। डीपू की कीमत 5 लाख रुपये रखी है। इसकी खुराक भी चौंकाने वाली है। वे इसे चना के अलावा काजू और बादाम भी खिलाते है। सलमान ने बताया कि अमृतसरी नस्ल के डीपू को दो साल पहले उन्होंने तीन लाख रुपये में खरीदा था। बटेश्वर के अलावा अलीगढ़, दाऊजी, कासगंज, गढ़गंगा मेलों में वह वह डीपू को लेकर जा चुके हैं। बताया कि वैष्णो देवी और अन्य पहाड़ी इलाकों की चढ़ाई पर श्रद्धालुओं के लिए खच्चरों का इस्तेमाल होता है। बटेश्वर मेले में चढ़ाई के लिए उम्दा नस्ल के खच्चरों की मांग रहती है। वहीं ऊंटों का मेला भी सिमट गया है। मंदी की मार से प्रभावित रहे ऊंट के मेले में राजस्थान, मध्य प्रदेश के अलावा यमुना, चंबल बेल्ट के फिरोजाबाद, इटावा, बाह के गांवों के लोग बिक्री नहीं होने पर वापस लौटने लगे हैं।

बटेश्वर मेले में खच्चर
मंदी की मार से प्रभावित है खच्चर मेला

बटेश्वर में ऊंटों के बाद खच्चरों का मेला भी मंदी की मार से प्रभावित है। दाऊजी के श्याम सुंदर ने खच्चरों की जोड़ी की कीमत तीन लाख रुपये रखी है। बताया कि मेले में दो लाख तक के खरीदार हैं। कन्नौज के पोसी अली 15 खच्चर लेकर आए थे, एक भी नहीं बिका है। वह खाली हाथ लौट गए। बताया कि भाडे़ के लिए घर से रुपये मंगाने पडे़ हैं। कासगंज के मोतीलाल ने बताया कि 10 खच्चरों में से सिर्फ एक बिका है।
पशु मेले में घोड़ी चांदनी और चमेली
आगरा के ऐतिहासिक बटेश्वर पशु मेले में उम्दा नस्ल के घोडे़-घोड़ी लग्जरी गाड़ियों से भी महंगे हैं। फिरोजाबाद के सलेमपुर के बहादुर सिंह की 35 लाख की घोड़ी पूजा, नगला गुलाल के राम बहादुर की 40 लाख की घोड़ी रानी, आगरा के गणेश यादव की 50 लाख की मारवाड़ी घोड़ी लक्ष्मी के बाद कन्नौज के गुरसागंज के मोहम्मद नसुरुद्दीन की 85 लाख की दोनों घोड़ी चांदनी और चमेली रविवार को आकर्षण का केंद्र रहीं।
बटेश्वर पशु मेले में घोड़ी चांदनी
नसुरुद्दीन ने दोनों घोड़ियों की खूबी गिनाईं कि रूप, रंग, चाल और नाच में ये दोनों बेजोड़ हैं। बुधवार को चमेली घोड़ी 28 लाख रुपये में बिक गई। जबकि चांदनी की कीमत जमशेदपुर के नूर मोहम्मद ने 45 लाख रुपये लगाई है। नसुरुद्दीन ने बताया कि 57 लाख रुपये से कम में इसे नहीं बेचेंगे। चांदनी की खुराक भी प्रतिदिन 1100 रुपये की आती है। 10 किलो दूध, सप्ताह में 1 दिन एक किलो घी, रोजाना 8 किलो चना इसे दिया जाता है। प्रशिक्षण के लिए 10 हजार की पगार पर उस्ताद भी रखा है। नसुरुद्दीन ने बताया कि मेले में 10 घोड़ी लेकर आए थे, जिनमें से 6 बिक गई हैं।
बटेश्वर पशु मेले में हार्स शो
बटेश्वर के राम सिंह आजाद, बाह के राम किशन वैद्य आदि ने बताया कि 50 साल पहले मेले में घुड़दौड़ होती थी, फिर इसे बंद कर दिया गया। पहले इसमें पुलिस और सेना के घोडे़ भी दौड़ में शामिल होते थे। बाद में यह दौड़ बंद हो गई। दोबारा इसके शुरू होने से लोग उत्साहित हैं।