नोएडा
दीपावली के अवसर पर जमकर की गई आतिशबाजी के चलते राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण की स्थिति काफी खराब हो गई है। एनसीआर के सारे प्रमुख शहर शनिवार को ‘डार्क रेड जोन’ में पहुंच गए। प्रदूषण मापने वाले ऐप ‘समीर’ के अनुसार, शनिवार को गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 466 दर्ज किया गया, जबकि ग्रेटर नोएडा में 414, नोएडा में 461, फरीदाबाद में 449, दिल्ली में 437, बल्लभगढ़ में 431 और गुरुग्राम में 456 दर्ज किया गया।
इसके अलावा बागपत में एक्यूआई 445, बहादुरगढ़ में 388, बुलंदशहर में 433, हापुड़ में 445 मेरठ में 438 एक्यूआई दर्ज किया गया। दीपावली पर प्रतिबंध के बावजूद हुई आतिशबाजी के चलते पिछले कुछ दिनों में एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति काफी खराब हो गई है। वायु प्रदूषण की वजह से लोगों में दम फूलने, आंखों में जलन होने, दमा और टीबी के मरीजों की हालत बिगड़ने जैसी शिकायतें सामने आई हैं। सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर देखने को मिल रहा है।
अस्थमा के मरीजों की बढ़ीं मुसीबतें
इस बार न तो पटाखों का कहीं बाजार लगा था और न ही दुकानों पर पटाखे बेचने की अनुमति थी बावजूद इसके लोगों ने जमकर पटाखे जलाए। यही वजह है कि शुक्रवार को लोगों को घरों में बंद होकर बैठना पड़ा। प्रदूषण की वजह से छाई स्मॉग की चादर से हर ओर धुंधा-धुंधा सा नजर आ रहा था। अजीब की गंध और सांस लेने में लोगों को बैचेनी महसूस हुई। खासकर उन लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं जो अस्थमा के मरीज हैं या फिर पिछले दिनों कोरोना की चपेट में आने से उनके लंग्स अभी तक भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।
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