शनिवार को यम द्वितीया का पर्व मनाया जाएगा। यमुना में भाई-बहन डुबकी लगाएंगे। नगर निगम ने इसके लिए इंतजाम किए हैं। विश्राामघाट सहित कई स्थानों पर साफ-सफाई की गई है। वहीं गोताखोर भी तैनात किए गए हैं।
ऐतिहासिक विश्राम घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ का फाइल फोटो
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यम की फांस से मुक्ति की कामना को लेकर यमद्वितीया का त्योहार शनिवार को मनाया जाएगा। इसके लिए विश्रामघाट सहित यमुना के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं के स्नान की व्यवस्थाएं की गई हैं। पानी के बहाव को देखते हुए गोताखोर की टीम लगाई गई हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने शुक्रवार की शाम व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
दीपोत्सव का अंतिम त्योहार है भैया दूज
दीपों के पांच दिवसीय त्योहारों की श्रंखला में शनिवार को अंतिम त्योहार भैयादूज है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन भाई-बहन मथुरा के यमुना स्थित विश्राम घाट पर एक-दूसरे की बांह पकड़कर स्नान करते हैं। इस यमुना स्नान करने वालों में सर्वाधिक संख्या गुजरातियों की रहती है। इस त्योहार की पूर्व संध्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मथुरा में डेरा डाल दिया है। इस मेला के लिए नगर निगम ने व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं। सफाई के साथ प्रकाश व्यवस्था के खास इंतजाम किए हैं।
नाव और गोताखोर तैनात
चार कैंप कार्यालय बनाए गए हैं, जिसमें विश्राम घाट, आगरा होटल बंगाली घाट, स्वामी घाट एवं यमुना पार घाट शामिल हैं। इसके अतिरिक्त महिलाओं को कपड़ा बदलने के लिए 6 चेजिंग रूम की स्थापना कराई गई है। श्रद्धालुओं के यमुना स्नान के दृष्टिगत 20 गोताखोरों को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैनात किया गया है। 40 नाव सक्रिय रहेंगी। इसमें 4 नावों पर साउंड व माइक लगाकर लगातार अनाउंसमेंट कराया जाएगा।
महापौर ने देखीं व्यवस्थाएं
महापौर डॉ. मुकेश आर्य बंधु के दिशा निर्देश के तहत नगर आयुक्त अनुनय झा ने व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी अधिकारियों को सौंपी दी है। सत्येंद्र कुमार तिवारी अपर नगर आयुक्त को आयोजन नोडल अधिकारी, राजकुमार सहायक नगर आयुक्त को बंगाली घाट, स्वामी घाट, विश्राम घाट का प्रभारी तथा डी के सिंह सहायक नगर आयुक्त को यमुना पार घाट पर व्यवस्थाओं को सुचारु रखने के लिए नोडल नामित किया गया है। शुक्रवार को हिंदूवादी नेता गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि ओखला और हिंडन से पांच हजार क्यूसेक पानी यमुना को मिल रहा है। यमुना पार क्षेत्र में भी इंतजाम किए गए हैं।
यम द्वितीया के दिन बहन के हाथ में रहता है अमृत
कार्तिक मास शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को भ्रातृ द्वितीया यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है जो कि इस बार 6 नवंबर शनिवार को अनुराधा नक्षत्र एवं शोभन योग में मनाया जाएगा। मथुरा पुरी के तीर्थ राज विश्राम घाट पर सदियों से बहन भाई का यम द्वितीया स्नान की परंपरा चली आ रही है।
दीपक ज्योतिष भागवत संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य कामेश्वर चतुर्वेदी ने बताया कि भविष्य पुराण के अनुसार स्वयं यम राजा अपनी बहन यमुना के घर आए थे यमुना जी ने स्नान कराया एवं नये वस्त्र पहनने को दिए। अपने हाथ से भोजन बनाकर भैया यमराजा को भोजन कराया टीका एवं अच्छत लगाया पान खिलाया। यमराज ने वरदान दिया कि इस दिन बहन के हाथ से भोजन करेंगे तो यम पास से मुक्त हो जाएंगे। इसी परंपरा को निभाते हुए लाखों की संख्या में बहन भाई मथुरा आते हैं और तीर्थराज विश्राम घाट पर स्नान एवं पूजा-पाठ दान दक्षिणा करते हैं।
यमुना महारानी और यमराज का है मंदिर
यमुना को भगवान श्रीकृष्ण की पटरानी और यमराज को यमुना का भाई कहा जाता है। मथुरा में यमुना के तट पर विश्रामघाट पर यमुना और यमराज का मंदिर भी स्थापित है। यमद्वितीया के दिन स्नान के बाद भक्तजन मां यमुना और यमराज के दर्शन और पूजा-अर्चना करते हैं।
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यम की फांस से मुक्ति की कामना को लेकर यमद्वितीया का त्योहार शनिवार को मनाया जाएगा। इसके लिए विश्रामघाट सहित यमुना के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं के स्नान की व्यवस्थाएं की गई हैं। पानी के बहाव को देखते हुए गोताखोर की टीम लगाई गई हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने शुक्रवार की शाम व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
दीपोत्सव का अंतिम त्योहार है भैया दूज
दीपों के पांच दिवसीय त्योहारों की श्रंखला में शनिवार को अंतिम त्योहार भैयादूज है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन भाई-बहन मथुरा के यमुना स्थित विश्राम घाट पर एक-दूसरे की बांह पकड़कर स्नान करते हैं। इस यमुना स्नान करने वालों में सर्वाधिक संख्या गुजरातियों की रहती है। इस त्योहार की पूर्व संध्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मथुरा में डेरा डाल दिया है। इस मेला के लिए नगर निगम ने व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं। सफाई के साथ प्रकाश व्यवस्था के खास इंतजाम किए हैं।
नाव और गोताखोर तैनात
चार कैंप कार्यालय बनाए गए हैं, जिसमें विश्राम घाट, आगरा होटल बंगाली घाट, स्वामी घाट एवं यमुना पार घाट शामिल हैं। इसके अतिरिक्त महिलाओं को कपड़ा बदलने के लिए 6 चेजिंग रूम की स्थापना कराई गई है। श्रद्धालुओं के यमुना स्नान के दृष्टिगत 20 गोताखोरों को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैनात किया गया है। 40 नाव सक्रिय रहेंगी। इसमें 4 नावों पर साउंड व माइक लगाकर लगातार अनाउंसमेंट कराया जाएगा।
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