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मथुरा: निराश्रित माताओं के सूने जीवन में जगमगाए खुशियों के दीप, देखें केशीघाट पर दीपदान की अद्भुत तस्वीरें

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे… हरिनाम संकीर्तन की धुन पर एकाकी और अंधकारमय जीवन व्यतीत कर रहीं वृंदावन की विधवा और निराश्रित माताओं ने ठाकुरजी के श्रीचरणों में दीपोत्सव मनाकर अपने अंधकारमय जीवन में प्रकाश भरने का प्रयास किया। मंगलवार की शाम प्राचीन केशीघाट पर रंगबिरंगी रोशनी के बीच सैकड़ों विधवाओं ने दीये जलाए और रंगोली बनाकर दीपोत्सव मनाया। महिलाओं ने भजन-कीर्तन और आराध्य की आरती कर एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं। महिलाओं ने यमुना की आरती भी की और भजन गाए। इनमें से कुछ विधवाएं भी शामिल हुईं जो 80 वर्ष के पार हैं। उन्होंने दिवाली पर्व मनाकर अपने जीवन में छाये अंधकार को दूर किया। वहीं गोमय (गाय के गोबर) से बने 11000 दीपकों से देवरहा बाबा घाट जगमगा गया। मलूकपीठाधीश्वर डॉक्टर आचार्य राजेंद्र दास महाराज एवं गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज की प्रेरणा से दीपोत्सव पर्व आयोजन की श्रृंखला में उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ शैलजा कांत मिश्र के निर्देशन पर देवरहा बाबा घाट पर यमुना पुलिन पर वृहद दीपदान उत्सव का आयोजन किया गया।

शाम ढलते ही यमुना किनारे प्राचीन केशीघाट रंग बिरंगी रोशनी से नहा उठा। इसके बाद महिलाओं ने फूलों की रंगोली बनाई तथा दीये जलाकर दीपोत्सव का आनंद उठाया। कलाकारों ने भजन प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। विधवा माताओं ने दीवाली मनाते हुए किसी भी तरह के पटाखों का इस्तेमाल नहीं कर प्रदूषण-रहित दीपावली मना कर पूरे देश को यह संदेश दिया। इस दिव्य वक्त में कई बूढ़ी और पथराई आंखों में सहज ही आंसू निकल आए।

सुलभ होप फाउंडेशन की उपाध्यक्ष विनीता वर्मा ने कहा कि फाउंडेशन के संस्थापक विंधेश्वरी पाठक के प्रयास के बाद पिछले कई वर्षों से जीवन की इस संध्या में खुशियों की किरण लाने के उद्देश्य से हम कार्य कर रहे हैं। महिलाएं परिवार के लोगों से दूर रहती हैं और इनका जीवन एकाकी है। इस मौके पर संस्था के पीआरओ मदन झा आदि उपस्थित थे।

महिलाओं ने कहा…

आराध्य के लिए कपड़ों के साथ-साथ अन्य सामान भी खरीदा है।  – मोनिका दासी

इस आयोजन से उनके अंधकार भरे जीवन में रोशनी का आगाज हुआ है। – ताकोली मंडल

हम पिछले कई वर्ष से वृंदावन की दिवाली में सहभागिता कर रहे हैं। – सुमनदास

हम अपनों से सैकड़ों कोस दूर यहां अकेले जीवन को व्यतीत कर रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारे जीवन में नई ऊर्जा लेकर आया है। – सैफाली

गोबर से बने 11000 दीपकों से जगमगाया देवरहा बाबा घाट

गोमय (गाय के गोबर) से बने 11000 दीपकों से देवरहा बाबा घाट जगमगा गया। शैलेजा कांत मिश्र, विप्रा की ओएसडी क्रांति शेखर, फूलडोल दास महाराज, राम देवानंद, हरिशंकरदास नागा, संत लाडली शरण, स्वामी रामदेवानंद सरस्वती  महाराज सहित नगर के अनेक संत-महंत एवं प्रबुद्धजन उपस्थित रहे। आयोजन में मलूक पीठ गोशाला जड़खोर से गायों का गोबर से निर्मित दीपक उपलब्ध करवाए गए। आयोजन में वरिष्ठ गो सेवक संत गोपेश कृष्ण दास जी महाराज का विशेष योगदान रहा। इससे पूर्व संतों के सानिध्य में यमुनाजी की महाआरती का आयोजन हुआ।

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