यूपीसीईटी की पहले चरण की काउंसिलिंग में जेईई की 5000 रैंक से 15 हजार की रैंक तक के विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराकर च्वॉइस फिल की है। इसे लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन काफी उत्साहित है।
प्रदेश के इंजीनियरिंग संस्थानों में पहली बार जेईई रैंक से प्रवेश की व्यवस्था से नोएडा के प्राइवेट कॉलेज व आईईटी के अच्छे रैंकर आगे आए हैं। यूपीसीईटी की पहले चरण की काउंसिलिंग में जेईई की 5000 रैंक से 15 हजार की रैंक तक के विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराकर च्वॉइस फिल की है। इसे लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन काफी उत्साहित है। जेईई मेन की 5 हजार तक रैंक वालों ने जेएसएस नोएडा तो 8 से 13 हजार तक रैंक वालों ने आईईटी लखनऊ के लिए च्वॉइस फिल की है। हालांकि अभी इन्होंने प्रवेश की जगह सीट को फ्लोट ऑप्शन पर रखा है। दूसरे चरण की काउंसिलिंग के बाद लगभग 14 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश सुनिश्चित कराया है।
अब तक ऐसा रहा है ट्रेंड
जेईई एडवांस के टॉप रैंकर्स को आईआईटी की लगभग 14 हजार सीटों पर प्रवेश मिलता है। एनआईटी, ट्रिपल आईटी प्रतिष्ठित संस्थानों में भी जेईई मेन की मेरिट के आधार पर ही प्रवेश होता है। ऐसे में टॉप मेरिट के विद्यार्थियों की पहली प्राथमिकता एनआईटी, ट्रिपलआईटी आदि संस्थान होते हैं। इसके बाद वह अन्य विश्वविद्यालयों को विकल्प के रूप में चुनते हैं।
इसलिए किया बदलाव
इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश की स्थिति पिछले कुछ वर्षों से लगातार खराब हो रही थी। इसका असर पढ़ाई की गुणवत्ता पर भी पड़ रहा था। इसे सुधारने के लिए इस साल शासन व एकेटीयू प्रशासन ने जेईई रैंक से प्रवेश लेने का निर्णय लिया, ताकि बेहतर विद्यार्थी कॉलेजों में प्रवेश लें।
हर राउंड के बाद फिजिकल रिपोर्टिंग
प्रदेश के इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट व फार्मेसी संस्थानों की प्रवेश काउंसिलिंग में हुई देरी को देखते हुए प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। अभी तक काउंसिलिंग के सभी चरण पूरे होने के बाद विद्यार्थियों की फिजिकल रिपोर्टिंग होती थी। लेकिन इस बार एकेटीयू ने प्रवेश काउंसिलिंग में बदलाव करते हुए हर चरण के बाद कॉलेज में फिजिकल रिपोर्टिंग की व्यवस्था की है। इससे विद्यार्थी सीट लॉक कर सीधे अपने कॉलेज में रिपोर्ट करेंगे। वहां औपचारिकताएं पूरी कर क्लास में शामिल हो सकते हैं। इसका काफी फायदा विद्यार्थियों को मिलेगा और संस्थानों के सामने स्थिति स्पष्ट रहेगी। वह डायरेक्ट एडमिशन की तैयारियों को समय से पूरा कर सकेंगे।
अच्छा रिस्पॉन्स मिला है
हमें अच्छा रिस्पॉन्स देखने को मिला है। 5 हजार से 15 हजार की रैंक के काफी विद्यार्थी काउंसिलिंग में शामिल हुए और च्वॉइस भरी है। जोसा के पहले चरण के सीट एलॉटमेंट के बाद तेजी से विद्यार्थी अपनी सीटें लॉक कर रहे हैं। इस बार पूर्व की अपेक्षा अच्छी रैंक के विद्यार्थियों के प्रवेश लेने की उम्मीद है।
प्रो. अरुण तिवारी, प्रवेश समन्वयक, यूपीसीईटी
विस्तार
प्रदेश के इंजीनियरिंग संस्थानों में पहली बार जेईई रैंक से प्रवेश की व्यवस्था से नोएडा के प्राइवेट कॉलेज व आईईटी के अच्छे रैंकर आगे आए हैं। यूपीसीईटी की पहले चरण की काउंसिलिंग में जेईई की 5000 रैंक से 15 हजार की रैंक तक के विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराकर च्वॉइस फिल की है। इसे लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन काफी उत्साहित है। जेईई मेन की 5 हजार तक रैंक वालों ने जेएसएस नोएडा तो 8 से 13 हजार तक रैंक वालों ने आईईटी लखनऊ के लिए च्वॉइस फिल की है। हालांकि अभी इन्होंने प्रवेश की जगह सीट को फ्लोट ऑप्शन पर रखा है। दूसरे चरण की काउंसिलिंग के बाद लगभग 14 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश सुनिश्चित कराया है।
अब तक ऐसा रहा है ट्रेंड
जेईई एडवांस के टॉप रैंकर्स को आईआईटी की लगभग 14 हजार सीटों पर प्रवेश मिलता है। एनआईटी, ट्रिपल आईटी प्रतिष्ठित संस्थानों में भी जेईई मेन की मेरिट के आधार पर ही प्रवेश होता है। ऐसे में टॉप मेरिट के विद्यार्थियों की पहली प्राथमिकता एनआईटी, ट्रिपलआईटी आदि संस्थान होते हैं। इसके बाद वह अन्य विश्वविद्यालयों को विकल्प के रूप में चुनते हैं।
इसलिए किया बदलाव
इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश की स्थिति पिछले कुछ वर्षों से लगातार खराब हो रही थी। इसका असर पढ़ाई की गुणवत्ता पर भी पड़ रहा था। इसे सुधारने के लिए इस साल शासन व एकेटीयू प्रशासन ने जेईई रैंक से प्रवेश लेने का निर्णय लिया, ताकि बेहतर विद्यार्थी कॉलेजों में प्रवेश लें।
हर राउंड के बाद फिजिकल रिपोर्टिंग
प्रदेश के इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट व फार्मेसी संस्थानों की प्रवेश काउंसिलिंग में हुई देरी को देखते हुए प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। अभी तक काउंसिलिंग के सभी चरण पूरे होने के बाद विद्यार्थियों की फिजिकल रिपोर्टिंग होती थी। लेकिन इस बार एकेटीयू ने प्रवेश काउंसिलिंग में बदलाव करते हुए हर चरण के बाद कॉलेज में फिजिकल रिपोर्टिंग की व्यवस्था की है। इससे विद्यार्थी सीट लॉक कर सीधे अपने कॉलेज में रिपोर्ट करेंगे। वहां औपचारिकताएं पूरी कर क्लास में शामिल हो सकते हैं। इसका काफी फायदा विद्यार्थियों को मिलेगा और संस्थानों के सामने स्थिति स्पष्ट रहेगी। वह डायरेक्ट एडमिशन की तैयारियों को समय से पूरा कर सकेंगे।
अच्छा रिस्पॉन्स मिला है
हमें अच्छा रिस्पॉन्स देखने को मिला है। 5 हजार से 15 हजार की रैंक के काफी विद्यार्थी काउंसिलिंग में शामिल हुए और च्वॉइस भरी है। जोसा के पहले चरण के सीट एलॉटमेंट के बाद तेजी से विद्यार्थी अपनी सीटें लॉक कर रहे हैं। इस बार पूर्व की अपेक्षा अच्छी रैंक के विद्यार्थियों के प्रवेश लेने की उम्मीद है।
प्रो. अरुण तिवारी, प्रवेश समन्वयक, यूपीसीईटी
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