हाइलाइट्सयूपी के कानपुर जिले में बढ़ता जा रहा है जीका वायरस का प्रकोप रविवार को कानपुर में जीका वायरस के छह और मरीज सामने आएजिले में जीका वायरस से संक्रमितों मरीजों की संख्या बढ़कर 10 हुई सुमित शर्मा, कानपुर
यूपी के कानपुर जिले में जीका वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। रविवार को जीका वायरस के छह और मरीज सामने आए। इसमें 4 महिलाएं और दो पुरुष हैं। एक गर्भवती महिला को आइसोलेट किया गया है। जिले में जीका वायरस से संक्रमितों मरीजों की संख्या बढ़कर 10 पहुंच गई है। लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य महकमा हैरान है। स्वास्थ्य विभाग की कई टीमें एंटी लार्वा का छिड़काव करने में जुटी हैं। इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए पोस्टर चस्पा किए जा रहे हैं।
इससे पहले कानपुर में बीते शनिवार को चकेरी के श्याम नगर और आर्दश नगर इलाके से तीन संक्रमित मरीज मिले थे। रविवार को केजीएमयू से आई रिपोर्ट में 6 मरीजों में जीका वायरस की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमितों के घरों को केंद्र मानकर तीन किलोमीटर की रेंज को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें जीका वायरस की ट्रैवल हिस्ट्री को नहीं समझ पा रही है।
जीका वायरस रोग क्या है?
जीका वायरस रोग जीका वायरस के कारण होता है। यह मुख्य रूप से एक संक्रमित मच्छर (एडीज इजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस) के काटने से लोगों में फैलता है। आमतौर पर बीमारी लक्षणों के साथ एक सप्ताह तक चलती है। यह हल्की होती है। बहुत से लोगों में लक्षण नहीं दिखते हैं या सिर्फ हल्के लक्षण दिखते हैं। हालांकि, प्रेग्नेंसी के दौरान जीका वायरस इंफेक्शन गंभीर बर्थ डिफेक्ट (जन्म दोष) पैदा कर सकता है। इसे साइंस की भाषा में माइक्रोसेफली कहते हैं। अन्य गंभीर मस्तिष्क दोष भी हो सकते हैं।
जीका से लोगों को कैसे होता है संक्रमण?
जैसा बताया गया है कि जीका मुख्य रूप से इंफेक्टेड एडीज प्रजाति के मच्छर (एडीज इजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस) के काटने से लोगों में फैलता है। एक प्रेग्नेंट महिला से प्रेग्नेंसी के दौरान या जन्म के समय भ्रूण को जीका पास हो सकता है। जीका से संक्रमित व्यक्ति भी इसे अपने सेक्स पार्टनर को पास कर सकता है।
भारत में बढ़ सकता है जीका वायरस का खतरा
जीका से किस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं आ सकती हैं?
जीका से संक्रमित कई लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं या हल्के लक्षण दिखते हैं। ये कुछ दिनों से लेकर एक सप्ताह तक बने रहते हैं। हालांकि, प्रेग्नेंसी के दौरान जीका इंफेक्शन गंभीर बर्थ इंफेक्शन पैदा कर सकता है। मौजूदा अध्ययनों से पता चलता है कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) जीका से जुड़ा है। यह नर्वस सिस्टम की असामान्य बीमारी है। वैसे, हाल में जीका वायरस संक्रमण वाले लोगों के केवल एक छोटे से वर्ग को जीबीएस हुआ है। एक बार जीका से संक्रमित हो जाने पर संभव है कि उस व्यक्ति को भविष्य में यह इंफेक्शन नहीं हो। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पूर्व में जीका संक्रमण से भविष्य में प्रेग्नेंसी में बर्थ डिफेक्ट का खतरा बढ़ जाता है कि नहीं।
जीका के लक्षण क्या हैं?
जीका वायरस बीमारी के सबसे आम लक्षण बुखार, दाने, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होना और मांसपेशियों में दर्द हैं। इसके लक्षण काफी कुछ डेंगू से मिलते-जुलते हैं। जीका से संक्रमित कई लोगों में लक्षण नहीं होते हैं या मामूली होते हैं। ये कई दिनों से लेकर एक सप्ताह तक रह सकते हैं।
जीका से बचाव के लिए लोग क्या कर सकते हैं?
जीका से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने और अपने परिवार को मच्छरों के काटने से बचाएं। इंसेक्ट रेपलेंट का इस्तेमाल करें। पूरी बाजू की शर्ट और फुल पैंट पहनें। अगर खुले में सोते हैं तो मच्छरदानी लगाएं।
Zika Virus Prevention: ऐसे बचाएं खुद को
जीका को कैसे डायग्नोज किया जाता है?
जीका को डायग्नोज करने के लिए डॉक्टर आपसे हाल की यात्रा और आपके लक्षणों के बारे में पूछते हैं। साथ ही जीका या इसी तरह के वायरस के परीक्षण के लिए ब्लड या यूरीन कलेक्ट करते हैं।
जीका से जान को कितना खतरा?
जैसा कि बताया गया है कि जीका के लक्षण हल्के होते हैं। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति की मौत की आशंका बहुत कम होती है। इसमें कोविड-19 जैसा खतरा नहीं है। सिर्फ गंभीर मामलों में ही अस्पताल में एडमिट होने की जरूरत पड़ती है।
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