उत्तर प्रदेश सरकार ने शीरा नीति 2021-22 को स्वीकृृति प्रदान कर दी है। प्रत्येक वर्ष 01 नवम्बर से आगामी वर्ष 31 अक्टूबर तक की अवधि शीरा वर्ष होती हैं। इस अवधि में देशी मदिरा के मद में निहित राजस्व प्राप्त करने के लिये शीरे के आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए शीरा नीति का निर्धारण किया जाता है।
यह जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि देशी शराब का उपभोग समाज के अल्प आय वर्ग द्वारा किया जाता है। इस वर्ग को गुणवत्ता तथा मानकयुक्त वैध देशी शराब सस्ते दामों पर उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है क्योंकि सस्ते दामों पर वैध मदिरा उपलब्ध न होने की स्थिति में इनके द्वारा अवैध मदिरा का सेवन करने के कारण जनहानि की आशंका बनी रहती है। दूसरी ओर आबकारी राजस्व का लगभग 50 प्रतिशत अंश देशी मदिरा से ही प्राप्त होता है, अतः व्यापक जनहित एवं राजस्व हित में अपेक्षाकृत सस्ते दामों पर वैध व मानक मदिरा उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक है कि समस्त देशी मदिरा आपूर्तक आसवनियों को उनकी आवश्यकतानुसार समुचित मात्रा में शीरा की उपलब्धता सुनिश्चित होती रहे।
इस सम्बंध में विस्तृत जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव ने बताया कि शीरा वर्ष 2021-22 में शीरे के अनुमानित उत्पादन 570 लाख कुण्टल के सापेक्ष देशी मदिरा हेतु आरक्षित शीरे की आवश्यकता 117.32 लाख कुं0 आंकलित होती है। अतः देशी मदिरा आपूर्तक आसवनियों को समुचित मात्रा में शीरा की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु शीरा सत्र 2021-22 के लिए देशी मदिरा के लिए 18 प्रतिशत शीरा आरक्षित किया जाएगा। साथ ही आरक्षित एवं अनारक्षित शीरे के मध्य वार्षिक निकासी का अनुपात 1ः4.55 निर्धारित किया गया है। चीनी मिलों के चलने के उपरान्त यथास्थिति/यथा आवश्यकता तत्समय शीरे की उपलब्धता एवं मदिरा की आवश्यकता के आधार पर आरक्षण के प्रतिशत में परिवर्तन पर भी विचार किया जा सकेगा। यदि कोई भी चीनी मिल या समूल केवल बी-हैवी शीरे का अथवा बी-हैवी और सी-हैवी दोनों प्रकार के शीरे का उत्पादन करती है तो बी-हैवी शीरे की उत्पादित मात्रा को सी-हैवी शीरे के समतुल्य आगणित करके सी-हैवी शीरे की कुल मात्रा के आधार पर 18 प्रतिशत शीरा देशी मदिरा हेतु आपूर्ति चीनी मिल अथवा समूह द्वारा की जायेगी। इस हेतु बी-हैवी शीरे से प्रति कुं0 31 ए.एल. अल्कोहल तथा सी-हैवी शीरे से प्रति कुं0 22.5 ए.एल. अल्कोहल रिकवरी के आधार पर आगणन किया जायेगा।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि शीरा वर्ष 2020-21 के अवशेष आरक्षित शीरे के समतुल्य मात्रा को चीनी मिलों द्वारा देशी मदिरा की आसवनियों को ही विक्रय करते हुए अपनी इस अवशेष देयता को अनिवार्य रूप से माह जनवरी, 2022 तक शून्य करना होगा। प्रदेश में शीरे पर आधारित लघु इकाईयों को शीरे का आवंटन उ0प्र0 शीरा नियंत्रण अधिनियम-1964 (यथा संशोधित) में निहित व्यवस्था के अनुसार शीरा नियंत्रक के स्तर से किया जाएगा। शीरा आधारित नई इकाईयों की स्थापना के सम्बंध में एक लाख कुं0 शीरा प्रतिवर्ष की मांग वाली इकाईयों के मामले में निर्णय लेने का अधिकार आबकारी आयुक्त उ0प्र0 को प्रदत किया गया है। अन्य राज्यों से शीरा आयात करने के पूर्व आयातक को आबकारी आयुक्त एवं शीरा नियंत्रक से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
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