देश-विदेश में हिंदू महिलाएं अपने पतियों की दीर्घायु के लिए 24 अक्तूबर को करवा चौथ का व्रत रखेंगी। इस व्रत को लेकर नवविवाहिताओं में खासा उत्साह है। बाजार में खरीदारी के लिए रौनक बढ़ गई है। गांव-गांव फेरी लगाने वाले श्रृंगार का सामान बेच रहे हैं। दूसरी ओर मांट तहसील के कस्बा सुरीर के बघा मोहल्ला में कोई रौनक नहीं है। यहां महिलाएं सती के श्राप के डर से करवा चौथ का व्रत नहीं रखती हैं।
राम नगला के ब्राह्मण पानी तक नहीं पीते सुरीर का
सुरीर के मोहल्ला बघा में सती की पूजा अब देवी की तरह होती है। यहां विवाह व त्योहारों पर सती की पूजा की जाती है। गांव राम नगला ( नौहझील) में ब्राह्मण समाज के लोग आज भी सुरीर का पानी पीने से परहेज करते हैं। इस परंपरा को पीढ़ी दर पीढ़ी लोग निभाते आ रहे हैं।
मोहल्ले के बुजुर्गों का कहना है कि यहां सैकड़ों वर्ष पूर्व गांव राम नगला (नौहझील) का ब्राह्मण युवक अपनी पत्नी को विदा करा कर घर लौट रहा था। सुरीर में होकर निकलने के दौरान बघा मोहल्ले के ठाकुर समाज के लोगों एवं ब्राह्मण युवक के बीच गाड़ी में जुते भैंसे को लेकर विवाद हो गया। सुरीर के लोग भैंसे को अपना बता कर चोरी का आरोप लगा रहे थे। झगड़े में ब्राह्मण युवक की मौत हो गई। उस दिन करवाचौथ थी। तभी ब्राह्मण की पत्नी ने श्राप दिया कि यदि यहां की कोई महिला करवाचौथ का व्रत रखेगी तो वह उसकी तरह विधवा हो जाएगी। इतना कह वह महिला अपने पति के साथ सती हो गई।
इसे सती का श्राप कहें या संयोग अगली करवाचौथ पर मोहल्ले पर कहर टूट पड़ा। दर्जनों युवाओं की मौत हो गई। जिन-जिन महिलाओं ने व्रत रखा वे सभी विधवा हो गईं। बुजुर्गों ने इसे सती का श्राप मानते हुए क्षमा याचना की। मोहल्ले में सती का मंदिर बनवा कर पूजा अर्चना शुरू की। पति व पुत्रों की सलामती के लिए करवाचौथ व अहोई अष्टमी के त्योहार पर सती के श्राप के डर से कोई महिला व्रत नहीं रखती है। त्योहार मनाना तो दूर इस मोहल्ले की महिलाएं पूरा श्र्ृंगार तक नहीं करती हैं।
सती के श्राप की सुन छोड़ी, करवाचौथ व्रत रखने की इच्छा
मोहल्ले की सपना देवी करवा चौथ का व्रत रखना चाहती थी, लेकिन ससुरालीजनों ने मोहल्ले की परंपरा के बारे में बताया तो वह मायूस हो गई। बबीता की भी करवा चौथ व्रत रखने की तमन्ना थी। सती के श्राप के बारे में सुना तो व्रत का ख्याल ही काफूर हो गया। पूनम देवी का कहना था कि व्रत रखने की बहुत तमन्ना है, पर बंदिशों के कारण व्रत नहीं रख पाएगी।
राधा देवी की शादी के बाद से ही करवाचौथ का व्रत रखने की इच्छा थी, लेकिन बंदिशों के चलते ये इच्छा पूरी नहीं कर सकी। वृद्धा सुनहरी (96 वर्ष) का कहना है कि सती माता के मंदिर में सभी पूजा अर्चना करते है। शुभ कार्य करने से पहले सभी माता को शीश झुकाते हैं।
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